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गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस मामले में पुलिस ने डॉ अलका रॉय के खिलाफ केस किया दर्ज

पहले ही कई विवादों में घिरे माफिया डॉन और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है. इस बार विवाद की वजह वह एंबुलेंस है जिससे डॉन को जेल से पंजाब के मोहाली कोर्ट ले जाया गया था.

Updated on: 02 Apr 2021, 11:41 AM

बाराबंकी:

मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में पुलिस ने अस्पताल और डॉक्टर को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने डॉ अलका राय के खिलाफ धोखाधड़ी समेत दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया हैं. बाराबंकी के एआरटीएम को तहरीर पर पुलिस ने 419, 420, 467, 468 और 471 की धारा में केस दर्ज किया है. वहीं पुलिस जांच में रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंट्स और मकान का पता फर्जी पाया गया है. पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. बता दें कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को 2019 के एक जबरन वसूली करने के मामले में अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था.  इस दौरान मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस में कोर्ट लाया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तर प्रदेश का था.

एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी41 एटी 7171 है और यह बाराबंकी जिले की है. गाड़ी की पंजीकरण की अवधि 2017 में ही खत्म हो गई थी. तब से इसे नवीनीकृत नहीं कराया गया है. इसके अलावा जिस अस्पताल में यह एम्बुलेंस पंजीकृत थी, उसका नाम भी संदिग्ध है.

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नाम न बताते हुए बाराबंकी आरटीओ के एक अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण के अलावा गाड़ी की फिटनेस भी 2017 में समाप्त हो गई थी. इस पूरे मामले में सबसे पेचीदा बात यह है कि पंजाब की रोपर जेल से मुख्तार अंसारी को ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश की एम्बूलेंस का इस्तेमाल किया गया. बता दें कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को 2019 के एक जबरन वसूली करने के मामले में अंसारी को कोर्ट में पेश किया था.

गौरतलब है कि मुख्तारी अंसारी का एंबुलेंस डॉ अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है. इस पर डॉ अलका राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्ष 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि द्वारा हॉस्पिटल के नाम से एंबुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर इत्यादि मांगे गए थे. जिसको उनके हॉस्पिटल के निदेशक द्वारा पूरा किया गया था. लेकिन उसके बाद वह एंबुलेंस कहां आया? कहां गया? इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो सकी है.

अलका राय ने आगे बताया कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक हॉस्पिटल है. जबकि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है. जहां उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं होता है. श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना देना नहीं है. उस एंबुलेंस से मुख्तार के सेवा की सूचना भी मीडिया द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया.

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वहीं अंसारी के इस एंबुलेंस को लेकर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और बुलेट प्रूफ है. इसे लेकर सरकार इसकी जांच कराएगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस सरकारों ने मुख्तार अंसारी को समर्थन दिया. इसी का नतीजा है कि आज वो सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है. उन्होंने आगे कहा कि एंबुलेंस का निजी इस्तेमाल मुख्तार कैसे कर रहे हैं? या बड़ा सवाल है. एंबुलेंस एक अस्पताल के नाम पर है. हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई भी करेंगे. 

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ये भी कहा कि आखिर वह कौन सी सरकार थी? जिसके कार्यकाल में मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस मिली. वह भी निजी इस्तेमाल के लिए. उसको लग्जरी बनाया गया. बुलेट प्रूफ बनाया गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब सरकार को भी बयान देना चाहिए कि आखिर निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी पंजाब में कैसे कर रहा है? इसकी भी जांच होनी चाहिए. हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और किसी को भी नहीं छोड़ेंगे.