गोरखपुर और आसपास के जिले हर साल बाढ़ की विभीषिका से जूझते रहते हैं. जुलाई से लेकर सितंबर महीने तक यहां कभी भी नेपाल की नदियों से आने वाला पानी बाढ़ ला देता है. इसी बाढ़ के संकट से लोगों को बचाने और उन्हें तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए गोरखपुर में एक बड़ा मॉकड्रिल आयोजित किया गया, जिसमें जल, थल और नभ... तीनों ओर से लोगों के रेस्क्यू का काम किया गया. गोरखपुर के नौकायन इलाके में हुए इस मॉक ड्रिल में पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए.
पानी से लेकर हवा और सड़क पर काम करने का अभ्यास
इस मॉकड्रिल में यह अभ्यास किया गया कि अगर किसी गांव में बाढ़ आ गई, तो वहां पर लोगों को कैसे निकाला जाए. बाढ़ के पानी में अगर कोई व्यक्ति डूब गया हो तो उसे किस तरह एनडीआरएफ द्वारा बचाकर और सड़क मार्ग से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए. लोगों को राहत सामग्री कैसे मिल सके, इसको लेकर भी यहां पर हेलीकॉप्टर के जरिए अभ्यास किया गया. इस मेगा मॉक ड्रिल का लाइव टेलीकास्ट भी किया जा रहा था, जिसे लखनऊ में बैठे अधिकारी देख रहे थे. इस दौरान जहां पर मॉकड्रिल के दौरान कमियां पाई जा रही थी. वहां पर उन्हें नोट कर ठीक करने का निर्देश भी दे रहे थे.
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नेपाल से आया पानी लाता है बाढ़
इस मॉकड्रिल को आयोजित करने वाले अधिकारियों का कहना है कि नेपाल में जब भारी बारिश होती है तो वहां की नदियों का पानी काफी तेजी से भारत के राप्ती रोहिन और नारायणी नदी में पहुंचता है. जिसकी वजह से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की विभीषिका से हर साल जूझते हैं. हर साल बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रयास किए जाते हैं. इस मेगा मॉकड्रिल के जरिए वह यह देखने की कोशिश करते हैं कि आपदा से निपटने के लिए कितने तैयार हैं और जहां पर खामियां पाई जाती हैं. उसे वास्तविक आपदा से पहले ठीक कर लेने की कोशिश की जाती है.
HIGHLIGHTS
- गोरखपुर में बाढ़ से निपटने की तैयारी
- नेपाल से अचानक आया पानी लाता है बाढ़
- जल, थल, नभ से बचाव की तैयारी