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Mathura Janmashtami Celebratation Photograph: (News Nation)
Krishna Janmashtami 2025: 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की' उद्घोष के साथ आज पूरा ब्रज क्षेत्र कृष्णमय हो गया है. हर गली–कूचे में कान्हा के भजन और बांसुरी की मधुर धुनें गूंज रही हैं. 16 अगस्त की मध्यरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. जन्मभूमि मंदिर से लेकर द्वारकाधीश और वृंदावन तक लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं.
कैसी है जन्मोत्सव की थीम
श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में इस समय अद्भुत और अलौकिक नजारा देखने को मिल रहा है. राधा-कृष्ण के दिव्य दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु मथुरा पहुंचे हैं. मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है. इस बार जन्मोत्सव की थीम "ऑपरेशन सिंदूर" पर आधारित है. पुष्प बंगले को सिंदूरी आभा दी गई है, जो देश के वीर सैनिकों को नमन करने का प्रतीक है.
कुछ ऐसे विराजमान होंगे ठाकुर जी
मध्यरात्रि 12 बजे से आरंभ होने वाले मुख्य कार्यक्रम में ठाकुर जी को चांदी के सूप में विराजमान कराया जाएगा और उनका दुग्धाभिषेक होगा. जन्म के क्षण का सजीव मंचन भी किया जाएगा, जिसका सीधा प्रसारण देशभर में होगा. श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि हर कोई ठाकुर जी के दर्शन कर सके.
इस बार ठाकुर जी की पोशाक भी बेहद खास है. उन्हें इंद्रधनुष के सात रंगों वाली पोशाक पहनाई गई है. सप्त रंगों से सजे इस श्रृंगार में लड्डू गोपाल का बाल स्वरूप मनमोहक लग रहा है. श्रद्धालु उनके इस रूप को देखकर भावविभोर हो उठते हैं.
घर-घर में सजाई जा रहीं झांकियां
जन्माष्टमी के अवसर पर ब्रजमंडल के मंदिरों और घर-घर में झांकियां सजाई जा रही हैं. कान्हा के बाल रूप को झूलों पर विराजमान किया गया है. वृंदावन में बैंकें बिहारी मंदिर, गोवर्धन और बरसाना में भी उत्सव का विशेष आकर्षण है.
पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपने आराध्य के दर्शन कर रहे हैं और आशीर्वाद ले रहे हैं. भक्तों का मानना है कि इस दिन कृष्ण का दर्शन करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन और पुलिस लगातार निगरानी कर रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो.
जन्माष्टमी का यह पर्व केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि भक्ति, आनंद और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. इस पावन अवसर पर ब्रज की गलियां सचमुच कृष्णमय हो उठी हैं और हर ओर से यही ध्वनि गूंज रही है 'जय कन्हैया लाल की.'
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