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कानपुर लव जिहाद मामलों में SIT ने सौंपी रिपोर्ट, हुआ सनसनीखेज खुलासा

उत्तर प्रदेश के कानपुर से लगातार लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद बनी एसआईटी (SIT) टीम ने अपनी रिपोर्ट आईजी को सौंप दी है.  एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक,  14 लव जिहाद के मामलों की पड़ताल की गई, जिनमें 3 मामलों में लड़कियों ने पक्ष बयान दिए तो 11 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट लगाई है.

Updated on: 24 Nov 2020, 12:18 PM

कानपुर:

उत्तर प्रदेश के कानपुर से लगातार लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद बनी एसआईटी (SIT) टीम ने अपनी रिपोर्ट आईजी को सौंप दी है.  एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक,  14 लव जिहाद के मामलों की पड़ताल की गई, जिनमें 3 मामलों में लड़कियों ने पक्ष बयान दिए तो 11 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट लगाई है. वहीं इन 11 मामलों में से 8 लड़कियां नाबालिग थी. इसके अलावा 3 आरोपियों ने बकायदा हिंदू नाम बदलकर झूठे दस्तावेज तैयार कराए थे. फिलहाल पड़ताल में इन आरोपियों को कहीं से फंडिंग होने और इनके संगठित गिरोह के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

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3 लड़के जिन्होंने अपना नाम बदला-

  • फतेह खान बना आर्यन मल्होत्रा
  • ओवैस बना बाबू 
  • मुख्तार अहमद बना राहुल सिंह


लव जिहाद का 'खेल' 

1. नौबस्ता में आर्यन मल्होत्रा उर्फ फतेह खान ने पीड़िता से पहले प्रेम संबंध बनाये बाद में रेप किया। अभियुक्त ने आर्यन और फतेह खान के नाम से 2 अलग अलग फर्ज़ी आधार कार्ड बनवा रखा था.

2. नौबस्ता में मुख्तार अहमद ने पीडि़ता से खुद का नाम राहुल सिंह बताकर दोस्ती की और अदालत में भी फर्जी दस्तावेज लगाकर कोर्ट मैरिज की.

3. मोहम्मद ओवैस नाम के मुस्लिम युवक ने हिंदू धर्म के मुताबिक नाम बदलकर अपना नाम राहुल सिंह रख लिया और इसी नाम से फर्जी  दस्तावेज तैयार करवाया.


'लव जिहाद' के कहां कितने केस

गोविंदनगर थाना - 02 एफआईआर

नौबस्ता थाना - 05 एफआईआर

फजलगंज थाना - 01 एफआईआर

बाबूपुरवा थाना - 01 एफआईआर

कल्यानपुर थाना - 01 एफआईआर

पनकी थाना - 01 एफआईआर

चकेरी थाना - 01 एफआईआर

किदवईनगर थाना - 02 एफआईआर

गौरतलब है कि कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने कानपुर में कथित लव जिहाद की घटनाओं को लेकर पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल से शिकायत की थी. इनकी जांच के लिये अपर पुलिस अधीक्षक-दक्षिणी दीपक भूकर की अगुवाई में आठ सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी थी. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य यह है किसी भी लड़की को साजिश के तहत न फंसाया जाए.

अगर वह वास्तविक प्रेम है तो उसमें पुलिस और कानून की कोई दिक्कत नहीं है. अगर लड़के ने नाम गलत बताकर प्रेम जाल में फंसाया है या लड़की नाबालिग है, तो कानून अपना काम करेगा. अगर लड़की बालिग है और वह दूसरे धर्म में शादी करना चाहती है तो मां-बाप की आपत्ति के बावजूद पुलिस कानून के दायरे में उनका साथ देती है.