उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीपीसीबी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है. बुधवार को उन्होंने कहा कि फर्जी वीडियो के माध्यम से सनातन धर्म पर आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं. करोड़ों लोगों की श्रद्धा से, मां गंगा से, महाकुंभ से, सनातन संस्कृति से, आस्था से और भारत की संस्कृति से के खिलवाड़ कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि संगम का पानी न सिर्फ नहाने लायक बल्कि पानी लायक भी है. सीपीसीबी की फेकल बैक्टीरिया रिपोर्ट के बाद महाकुंभ को बदनाम करने का कथित प्रचार जारी है.
क्या है पूरा मामला
बता दें, सोमवार को सीपीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT को बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए फेकल कोलीफॉर्म का स्तर प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी. गर्म रक्त वाले जानवरों और मनुष्यों की आंतों में ही फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया पाया जाता है. आमतौर पर इसे पानी में संभावित संदूषण के संकेतक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें स्नान करना किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है.
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महाकुंभ की सफलता ने नई ऊंचाईयां छुईं
विधानसभा में बुधवार को मामले में जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि किसी एक संस्था या पार्टी ने इस आयोजन को नहीं किया. पूरे समाज का ये आयोजन है. सरकार केवल नौकर की भांति अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है. पूरा देश और पूरी दुनिया इसमें शामिल हो रही है. सभी महाकुंभ का हिस्सा बन रहे हैं. महाकुंभ की सफलता ने नई ऊंचाइयां छुई हैं. ऐसे गलत प्रचारों के खिलाफ हमें ध्यान नहीं देना चाहिए.
सरकार ने कहा- मृतकों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ था. महाकुंभ में अब सिर्फ सात दिन ही बचे हैं. 56 करोड़ से अधिक लोगों ने अब तक डुबकी मार ली है. उन्होंने कहा कि भगदड़ के पीड़ितों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं. कुछ लोगों की मौत महाकुंभ आते-जाते भी हुई है. हमारी संवेदना उनके साथ भी हैं. सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है. हम हर संभावित तरीकों के देेख रहे हैं.
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