प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है. महाकुंभ का आज 38वां दिन है. बुधवार दोपहर दो बजे तक 80.20 लाख लोगों ने डुबकी लगा ली है. महाकुंभ में आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आने वाले थे लेकिन वे नहीं आ पाए. महाकुंभ में अब तक 56.36 करोड़ लोग नहा चुके. महाकुंभ में आज भी हाईवे पर दोपहर जाम लग गया. न्यू यमुना ब्रिज पर करीब चार किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. बुजुर्गों का हाल बेहाल है. महाकुंभ के कारण भगवान राम की नगरी अयोध्या और काशी में भी श्रद्धालुओं का सैलाब आया हुआ है. भारी भीड़ से शहर कैसे जूझ रही है, आइये जानते है.
रामनगरी आने वाले हर रास्ते पैक
अयोध्या में भी महाकुंभ के कारण भारी भीड़ आ रही है. महाकुंभ के कारण पांच से सात लाख लोग हर रोज अयोध्या आ रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा से पहले 25 हजार श्रद्धालु अयोध्या आते थे. अयोध्या के लोगों का कहना है कि उन्होंने इतिहास में इतनी भीड़ कभी नहीं देखी. रामनगरी के छह किलोमीटर के दायरे में हर एक रास्ते पैक हो गए हैं. मंदिर आने वाले पांचों रास्ते खचाखच भरे हुए हैं.
अयोध्या के टूर गाइड वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ अयोध्या के अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा ने बताया कि भारी भीड़ होने की वजह से स्थानीय लोग घरों में ही रह रहे हैं. ऐसा इसलिए कि घर से बाहर आते ही उन्हें भारी भीड़ मिल रही है. प्रशासन ने पूरे शहर को नो व्हीकल जोन घोेषित कर दिया है. भारी भीड़ के कारण सब्जी और राशन की गाड़ियां हीं शहर में नहीं आ पा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि ई-रिक्शा से कुछ व्यापारी सामान लेकर आते हैं. वे दोगुने दाम में बेच रहे हैं. टमाटर और आलू के भाव 40 रुपये हो गए हैं. 150 रुपये के किराये वाली व्हील चेयर दो हजार रुपये तक ले रहे हैं. होटल एसोशिएशन के महामंत्री अरुण कुमार ने बताया कि डॉरमेट्री का एक बेड पहले जो 200 रुपये में मिलता था वह अब 1000 रुपये तक में मिल रहा है. अयोध्या में नॉन-एसी रूम्स का किराया दो हजार रुपये तक पहुंच गया है.
काशी में अस्पताल जाना भी मुश्किल
अयोध्या की तरह ही काशी में भी हर रोज 10 लाख लोग पहुंच रहे हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर साल 2021 में बना था, जिसके बाद से बनारस में श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ता जा रहा है. स्थानीयों का कहना है कि शिवरात्रि और सावन सहित अन्य त्योहारों पर पहले जितनी भीड़ उमड़ती थी, उतनी भीड़ तो अब एक-एक दिन में आ रही है.
पूरा शहर रेंग रहा है. ऐसा पहली बार हुआ है कि 25 दिन से शहर थमा हुआ है. रूट डायवर्जन और नो व्हीकल जोन के कारण लोकल लोगों परेशान हो रहे हैं. एक स्थानीय का कहना है कि हम लोग न तो घर से बाहर निकल पा रहे हैं और न ही हम व्यापार कर पा रहे हैं. उनका कहना है कि किसी इमरजेंसी में भीड़ को पार करके अस्पताल जाना भी मुश्किल हो जा रहा है.