Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ी कि अमृत स्नान से पहले संगम नोज पर भगदड़ मच गई. जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने महाकुंभ में इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए अहम बदलाव किए हैं. इसके बाद प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. राज्य सरकार ने महाकुंभ में जो बदलाव किए हैं उनमें पांच बदलाव काफी अहम हैं. जिन्हें तत्काल लागू कर दिया गया है.
महाकुंभ में भगदड़ के बाद किए गए ये पांच बदलाव
1. महाकुंभ में भगदड़ के बाद पूरे कुंभ क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. जिसके तहत अब किसी भी प्रकार का वाहन महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा.
2. मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रशासन ने सभी वीवीआईपी पास को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अब मेला क्षेत्र में कोई भी विशेष पास वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
3. इसके साथ ही महाकुंभ में वन-वे रूट लागू किया गया है. जिससे श्रद्धालुओं को आने जाने में दिक्कत न हो और आवाजाही व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे.
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4. वाहनों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध: इसके साथ ही भीड़ कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से प्रयागराज आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर रोका जा रहा है.
5. फरवरी तक लागू रहेंगे सख्त प्रतिबंध: महाकुंभ में शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए, महाकुंभ के दौरान पूरे शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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भीड़ प्रबंधन के लिए दिए गए निर्देश
महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन प्रयासों को और मजबूत करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तुरंत प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि दोनों नौकरशाहों ने विजय किरण के साथ 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई थी. उस आयोजन के दौरान, भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया था. जबकि आशीष गोयल प्रबंधन की देखरेख के लिए इलाहाबाद के आयुक्त बनाए गए थे.