/newsnation/media/media_files/2025/10/05/cm-yogi-on-rain-water-harvesting-2025-10-05-19-05-23.jpg)
CM yogi Photograph: (social)
UP News: उत्तर प्रदेश में अब घर का नक्शा पास कराने से पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों को सख्त निर्देश दिए हैं कि 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि यह कदम न सिर्फ जल संरक्षण को बढ़ावा देगा बल्कि भूजल स्तर में सुधार लाने में भी सहायक होगा.
जलापूर्ति विभाग की बैठक में की थी चर्चा
मुख्यमंत्री ने शनिवार को नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई) की बैठक में कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में 82 अतिदोहित और 47 क्रिटिकल क्षेत्र थे, जो अब घटकर 50 अतिदोहित और 45 क्रिटिकल रह गए हैं. योगी ने अधिकारियों से कहा कि आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों को सामान्य श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाए.
38 परियोजनाओं को मंजूरी देने के दिए निर्देश
सीएम ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास के लिए 1833 करोड़ रुपये की लागत से 38 परियोजनाओं को मंजूरी देने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परियोजना को स्थानीय जरूरतों और सर्वेक्षण के आधार पर ही अंतिम रूप दिया जाए.
परियोजनाओं की प्रगति का हो निरीक्षण
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि अधिकारी केवल फाइलों तक सीमित न रहें, बल्कि धरातल पर जाकर परियोजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करें. उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों के विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं जैसे साफ-सफाई, जल निकासी, पेयजल, सड़क और स्ट्रीट लाइट को सुनिश्चित किया जाए.
अब तक प्रदेश में कितने चैकडैम
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में 6,448 चेकडैम बनाए जा चुके हैं, जिनसे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित हुई है. इनसे हर साल 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज हो रहा है. योगी ने कहा कि इन प्रयासों से किसान अब साल में दो से तीन फसलें लेने में सक्षम हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें: UP: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर 7 अक्टूबर को रहेगा सार्वजनिक अवकाश, जानिए क्या खुलेगा क्या रहेगा बंद
यह भी पढ़ें: भारत में 6,49,481 गांव, नाना-नानी के नाम पर सौ-सौ गांव, मां के नाम पर एक भी नहीं