Lakhimpur Case: खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा 129 दिन बाद जेल से रिहा 

दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.

दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.

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Pradeep Singh
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आशीष मिश्रा उर्फ मोनू( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

लखीमपुर खीरी में चार किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर मारने के आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को आज जेल से रिहा कर दिया गया. खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की 129 दिन बाद जेल से रिहाई हो गई है. देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से बीते गुरुवार को ही जमानत मिल चुकी है. पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर के दिन गिरफ्तार किया गया था.

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गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी अपने बेटे आशीष मिश्रा से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद आशीष आज जेल से बाहर आए.

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से बीते 10 फरवरी को जमानत मिलने के बाद कहा गया कि कागजी कार्रवाई पूरी होते ही आशीष मिश्रा को लखीमपुर जेल से रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन फिर भी मिश्रा जेल से रिहा नहीं हो पाए. वजह थी उनके जमानत आदेश में दो धाराओं का न होना.

लखीमपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को 'मुख्य आरोपी' बनाया था. दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.

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दरअसल, लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा पर क्राइम नंबर 219/21 पर एफआईआर दर्ज की. विवेचना के दौरान दाखिल की गई चार्जशीट में आईपीसी की धारा 147,148, 149,302, 307,326, 34, 427, और 120बी के साथ 3/25, 5/27 व 39 आर्म्स एक्ट शामिल थी. 

हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के बाद आशीष मिश्रा को जिन धाराओं में जमानत दी, उसमें आईपीसी की 147 148, 149 307,326, 427/34 , 30 आर्म्स एक्ट, 177 एमवी एक्ट हैं. जमानत ऑर्डर में धारा 302,120B नहीं लिखी थी. जबकि नियम है कि आरोपी जिन-जिन धाराओं में जेल में बंद होगा, उन सभी धाराओं में जमानत मिलने के बाद ही रिहाई होगी. 

यही वजह है शुक्रवार को कि आशीष मिश्रा के वकील को हाई कोर्ट में बेल ऑर्डर की करेक्शन एप्लीकेशन डालनी पड़ी. सोमवार को सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि आशीष मिश्रा के बेल ऑर्डर में आईपीसी 302 और 120बी जोड़ दिया जाए.

जिला जज ने इस हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की रिहाई मामले में 3-3 लाख के दो बेल बॉन्ड जमा करने को कहा. इसके बाद लखीमपुर जिला जज के यहां बेल बॉन्ड और जमानतदारों के कागजों को दाखिल किया गया, जिनका वेरिफिकेशन हुआ और फिर रिहाई का आदेश जारी किया गया.

3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा हुई. इसमें किसानों को रौंद दिया गया. इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई.  दूसरे दिन यानि 4 अक्टूबर 2021 को बहराइच जिले के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इसके जवाब में 6 अक्टूबर को से बीजेपी पार्षद सुमित जायसवाल ने भी FIR दर्ज करवाई. 5 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया. 9 अक्टूबर 2021 को सुबह आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. करीब 12 घंटे चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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