प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है. उसके बाद सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी में होगी. रेलवे का खुद मानना है की रोजाना डेढ़ लाख के करीब भीड़ वाराणसी से गुजरने वाली ट्रेनों में होगी. इसके लिए वाराणसी रेलवे स्टेशन पर खास इंतजाम के साथ जर्मन हैंगर से निर्मित दो वेटिंग लॉन्ज तैयार किए गए है. यहां 11 प्लेटफार्म हो गए है और सबसे बड़ी बात तो ये की इतना बड़ा प्लेटफार्म दिल्ली से कोलकाता के बीच में सिर्फ वाराणसी में ही है जो बहुत अधिक यात्रियों का भार वहन कर पायेगा. ये अपने आप में एक कीर्तिमान है.
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200 ट्रेन रोज तो 13 हजार ट्रेन पूरे सर्किल में चलेंगी
प्रयागराज में भले ही महाकुंभ हो रहा हो पर इसकी भव्य तैयारी काशी में भी पूरी हो चुकी है. वाराणसी रेलवे स्टेशन पर कुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ रहने की उम्मीद है. इसे देखते हुए खास तैयारी की गई है. हर जगह 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरे के साथ फायर एस्टंग्सन की सुविधा रहेगी. इसके साथ ही भीड़ को पूरी जानकारी पहुंचाने के लिए हर जगह क्यू आर कोड वाले बैनर पोस्टर रहेंगे. इसके जरिये आसानी से पूरी जानकारी यहां आने और जाने वाले यात्रियों को मिलेगी. खुद एडीआरएम बताते है की 75 हजार यात्रियों का दबाव हर दिन होगा. हालांकि यहां से 200 ट्रेन रोज तो 13 हजार ट्रेन पूरे सर्किल में चलेंगी. इसके साथ ही यात्रियों के ठहराव के लिए दो अस्थायी जर्मन हैंगर की मदद से वेटिंग लॉन्ज तैयार किया गया है. इसमें चार हजार यात्री रुक सकेंगे.
वाराणसी में 11 प्लेटफार्म
वाराणसी का कैंट रेलवे स्टेशन तैयार होने के बाद अब यहां 11 प्लेटफार्म हो गए हैं. सबसे बड़ी बात तो ये की इतना बड़ा प्लेटफार्म दिल्ली से कोलकाता के बीच में सिर्फ वाराणसी में ही है. यह बहुत अधिक यात्रियों का भार वहन कर पायेगा. अपने आप में ये एक कीर्तिमान की तरह है.
महाकुंभ के दौरान ट्रेन टिकट आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सके लाइन न लगानी पड़े इसके लिए भी मोबाइल व्यवस्था की गयी है. ट्रेनों के अंदर ही चेकिंग स्टाफ यात्रियों को अनारक्षित टिकट उपलब्ध होगा. रेलवे ने महाकुंभ को देखते हुए टिकट चेकिंग स्टाफ को मोबाइल यूटीएस दिया है. इसके जरिये आसानी से लोगों को टिकट मिल पायेगा.