Kasganj Chandan Gupta Murder Case: 26 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज मे तिरंगा यात्रा के दौरान अचानक से दो गुटों के बीच दंगा भड़क गया. दोनों गुटों के बीच बात यहां तक बढ़ गई कि गोलीबारी शुरू हो गई. इस दौरान 20 वर्षीय चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई. गोली लगते ही चंदन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. चंदन की मौत के बाद कासगंज में झड़प ने और हिंसक रूप ले लिया.
चंदन गुप्ता हत्याकांड में बड़ा फैसला
इस झड़प में कई बसों और गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था. देश में यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खडे़ हो गए, लेकिन अब तक चंदन को इंसाफ नहीं मिला. हालांकि, चंदन हत्याकांड के 7 साल बाद इंसाफ मिलता नजर आ रहा है. लखनऊ की विशेष एएनआई कोर्ट ने चंदन हत्याकांड में शामिल 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस घटना का मुख्य आरोपी का सलीम को बनाया गया.
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कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया
वहीं, दो आरोपियों को सूबत के अभाव में छोड़ दिया गया. 20 साल का चंदन बीकॉम फाइनल ईयर का स्टूडेंट था और अपने भाईयों के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा में शामिल हुआ था. इसी दौरान दो गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया और विवाद ने कुछ ही देर में सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया. शहर में आगजनी और दंगा भड़काने को लेकर पुलिस ने 49 लोगों को गिरफ्तार किया था.
6 साल बाद चंदन को मिला इंसाफ
यह मामला कासगंज थाने में दायर किया गया था. कासगंज कोर्ट से मामला एटा जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था. जिसके बाद 2022 में केस एनआईए कोर्ट, लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं, में से 18 आरोपियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केस को वापिस से कासगंज ट्रांसफर करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इस पूरे मामले में 12 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया था. चंदन हत्याकांड में कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं, शुक्रवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.