इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) के एक न्यायाधीश के व्यवहार से आहत वकीलों ने सोमवार को उनकी कोर्ट का बहिष्कार किया. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High court bar Association) की बैठक में समस्या का समाधान होने तक बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया है.घोषित कार्यक्रम के तहत सोमवार 11 जुलाई को सुबह 10 बजे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा (Radha kant ojha) की अगुवाई में दर्जनों अधिवक्ता न्यायाधीश के न्याय कक्ष के बाहर एकत्र हो गए और उनकी अदालत का बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए किसी भी अधिवक्ता को न्याय कक्ष के भीतर नहीं जाने दिया. वकीलों के बहिष्कार के कारण कोई भी अधिवक्ता न्याय कक्ष में जाकर बहस नहीं कर सका.
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बाद में हाईकोर्ट बार की इस संबंध में एक बैठक हुई, जिसमें मंगलवार को भी बहिष्कार जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि न्यायाधीश का अधिवक्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि इस संबंध में शीघ्र ही उचित निर्णय लें. एसोसिएशन के महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन का कहना है कि जब तक न्यायाधीश का क्षेत्राधिकार नहीं बदला जाता, तब तक अधिवक्ता उनकी कोर्ट का बहिष्कार जारी रखेंगे.
महासचिव ने राज्य सरकार के पैनल में शामिल वकीलों से भी बहिष्कार में सहयोग करने की अपील की है. हाईकोर्ट बार की बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेंद्र नाथ मिश्र, धर्मेंद्र सिंह यादव, सत्यम पांडेय व श्यामाचरण त्रिपाठी के अलावा संयुक्त सचिव यादवेश यादव, आशुतोष त्रिपाठी व ऊष्मा मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, गवर्निंग काउंसिल सदस्य अन्नपूर्णा सिंह चंदेल, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जीतेंद्र सिंह, दिलीप कुमार यादव, अनुराग शुक्ल, अभिषेक तिवारी, अखिलेश कुमार शुक्ल, हरिमोहन केसरवानी, दीपांकर द्विवेदी, मानव चौरसिया, विक्रांत नीरज आदि उपस्थित रहे. पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र ने मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में हस्तक्षेप करने तथा न्यायमूर्तिओं को मर्यादित आचरण करने की सीख देने मांग की है.