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चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए इस्लामी संगठन ने जारी किया फतवा

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत में चीन विरोधी भावना प्रबल होने लगी है.

Updated on: 21 Jun 2020, 01:33 PM

बरेली:

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत में चीन विरोधी भावना प्रबल होने लगी है. देश में जगह-जगह चीनी सामान के बहिष्कार और चीन सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली में इस्लामी संगठन ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए भतवा जारी किया है. पांच वरिष्ठ मौलवियों के नेतृत्व वाले एक धार्मिक और सामाजिक संगठन ऑल इंडिया तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम द्वारा देश में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए एक फतवा जारी किया गया है.

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मौलवियों ने कहा कि समुदाय के सदस्यों को इस घड़ी में सेना और सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए. भारत और चीन के बीच में हुए हिंसक झड़प पर चिंता व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने कहा, 'बरेली के रहने वाले एक शख्स द्वारा पोस्ट किए गए एक जिज्ञासा पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए यह फतवा जारी किया गया है. फतवे में मौलवियों ने भारतीय भूमि पर अतिक्रमण करने और हमारे वीर जवानों को मारने के लिए चीन के साजिशों की निंदा की है.'

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पांच मौलवियों के इस पैनल में ऑल इंडिया तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अशफाक हुसैन कादरी, मुफ्ती इकबाल अहमद मिस्बाही, मुफ्ती तौकीर अहमद काजरी, मुफ्ती हाशिम रजा खान और कारी सगीर अहमद रिजवी शामिल हैं.