Varanasi News: काशी में मौनी अमावस्या पर आस्था का महासैलाब उमड़ पड़ा है. रेलवे स्टेशन पर अपनी जान की परवाह किए बिना जहां चलती ट्रेन में लोग घुसने को उतारू हैं तो वहीं पूरे शहर में नो व्हीकल जोन होने से बूढ़े-बुजुर्ग ठेले पर बैठकर अपनी मंजिल तक जा रहे हैं. ऐसे में बनारस को 'बिना रस' करती ट्रैफिक जाम की ये तस्वीरें देखने को मिलीं.
दरअसल, वाराणसी में मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों लोग पहुंच गए हैं तो दूसरी तरफ ट्रेनों में भी बेतहाशा भीड़ हो रही है. आलम ये है कि ट्रेन स्टेशन पर पहुंच रही है तो चलती ट्रेन में ही लोग अपनी जान की परवाह किए बिना घुसने के लिए दौड़ रहे हैं. वाराणसी से प्रयागराज और प्रयागराज से वाराणसी से आने वाली महाकुंभ एक्सप्रेस में न्यूज नेशन की टीम सवार हुई और वहां लोगों से बात की. उनसे जाना कि आखिर कैसी है प्रयागराज और वाराणसी के बीच की यात्रा की हकीकत?
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यात्रियों से पटा पड़ा है रेलवे स्टेशन
जहां एक तरफ पूरा रेलवे स्टेशन यात्रियों से पटा पड़ा है तो वहीं, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता का कहना है कि हमने कल दो स्पेशल ट्रेन चलाई थीं और आज आठ चला रहे हैं. हम यात्रियों को भी अपने सुरक्षाकर्मीयो के माध्यम सुरक्षित यात्रा करने की बात कर रहे हैं पर भीड़ बहुत ज्यादा हो रही है. हमारे स्टेशन पर 80 हजार से अधिक यात्री अनुमान से ज्यादा पहुंचे हुए है.
अधिकतर हिस्सों को बना दिया नो व्हीकल जोन
वाराणसी में इस कदर भीड़ बढ़ गई है कि शहर के अधिकतर हिस्सों को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है जिससे लोगों काफी दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है. बूढ़े-बुजुर्ग लोग ठेले पर बैठकर जाने को मजबूर हैं और इन सभी का आरोप है कि दर्शन कराने के लिए पैसे लिए जा रहे हैं.
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