ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी पर आज दोपहर 2 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है. मुस्लिम पक्ष वजूखाने का सर्वे ASI द्वारा कराए जाने का विरोध कर रहे हैं.

Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी पर आज दोपहर 2 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है. मुस्लिम पक्ष वजूखाने का सर्वे ASI द्वारा कराए जाने का विरोध कर रहे हैं.

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Vineeta Kumari
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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज होई कोर्ट में सुनवाई

Gyanvapi Case: मंगलवार को वाराणसी के ज्ञानवापी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है. आज दोपहर 2 बजे कोर्ट में सुनवाई होगी. दरअसल, यह सुनवाई ज्ञानवापी परिसर में बने वजूखाना को लेकर होनी है. वजूखाना का सर्वे आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया करेगी, जिसका मुस्लिम पक्ष विरोध कर रही है.

वजूखाने के सर्वे पर सुनवाई

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मुस्लिम पक्ष ने ASI के द्वारा यह सर्वे किए जाने का विरोध किया है तो दूसरी तरफ हिंदू पक्ष चाहती है कि यह सर्वे एएसआई करें. जिला जज ने एएसआई को सर्वे का आदेश दिया था. जिसके फैसले को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. यह आदेश जिला जज ने 21 अक्टूबर 2023 को पारित किया था.  

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ASI के सर्वे को लेकर सुनवाई

वाराणसी जिला जज ने सुनवाई करते हुए कहा था कि वजूखाना में एएसआई के द्वारा सर्वे किया जाना जरूरी है ताकि उसका धार्मिक चरित्र का पता चल सके. इसके साथ ही जज ने यह भी कहा था कि जिस क्षेत्र को शीर्ष अदालत की तरफ से विधिवत संरक्षित किया गया है यानि जहां शिवलिंग की बात कही गई है. वहां एएसआई को सर्वे का आदेश देना उचित नहीं है. यह आदेश का उल्लंघन माना जाएगा.

वजूखाने को लेकर याचिका दायर

पिछले साल ही एएसआई को आदेश दिया गया था कि वह वजूखाने का सर्वे करें. जिसमें यह भी कहा गया था कि मस्जिद में अगर खुदाई की जरूरत पड़े तो वह भी किया जा सके. जिससे यह पता चल सके कि मस्जिद किसी मंदिर के ऊपर तो नहीं बनाई गई है. वहीं, हिंदू पक्ष लगातार यह दावा कर रहे हैं कि यहां एक शिवलिंग है.  

क्या है ज्ञानवापी मामला?

इतिहासकारों की मानें तो 1194 में मुहम्मद गौरी काशी ने मंदिर को तुड़वा कर यहां मस्जिद बनवाया था. वहीं, बाद में यहां फिर से मंदिर बनवाया गया, जिसे औरंगजेब के आदेश पर तोड़ दिया गया और मंदिर के आधे हिस्से पर जामा मस्जिद बना दिया गया. मंदिर को तोड़ने के बाद उसके मलबे से ही मस्जिद की नींव रखी गई थी. 1669 में औरंगजेब के द्वारा मंदिर को ध्वस्त करने के 125 साल तक यहां मंदिर का निर्माण नहीं किया गया था. उसके बाद 1735 में देवी अहिल्याबाई के द्वारा ज्ञानवापी परिसर के पास में ही काशी विश्वनाथ मंदिर बनवाया गया.

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