Ground Report in Mahakumbh: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में जो हादसा हुआ, उसकी एक बड़ी वजह वीवीआईपी कल्चर को प्राथमिकता देना बताया गया था. इस हादसे के बाद महाकुंभ में वीवीआईपी पास खत्म कर देने की बात हुई थी लेकिन क्या हकीकत में ऐसा हो पाया. इसका रियलटी चेक ग्राउंड पर जाकर हुआ. इसमें सामने आया कि सरकार की नजर में भले ही किसी को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा हो लेकिन हकीकत इससे अलग है.
महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं की संख्या 54 करोड़ से पार हो गई. आम श्रद्धालु खुश है, प्रसन्न भी है ,महाकुंभ की व्यवस्था से साफ सफाई से और श्रद्धा और भक्ति के भाव में वह कई घंटे का जाम भी सह ले रहे हैं. उसे पैदल चलना पड़ रहा है तो वह पैदल भी चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार नहीं, कई-कई बार समीक्षा की और निर्देशों में कहा कि महाकुंभ में जब भी भीड़ बढ़ेगी, न वीवीआईपी पास मान्य होंगे और न ही गाड़ियां चलेंगी, नो व्हीकल जोन होगा. इन सब के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश और आदेश भी दिया गया है.
वीवीआईपी सुविधाओं का उठाया जा रहा सरकारी लाभ
मुख्यमंत्री के इसी निर्देश को देखने के लिए न्यूज नेशन की टीम वीवीआईपी घाट पहुंची जहां देखा कि वीवीआईपी घाट पर ऐसे बहुत सारे लोग मिले जो न तो वीवीआईपी हैं और न ही किसी तरह का उनका कोई रेफरेंस है. वह वीवीआईपी सुविधाओं का सरकारी लाभ उठा रहे हैं. ऐसे भी बहुत सारे लोग मिले जहां पर आम आदमी तो दिक्कतों से गुजरता है लेकिन उनके लिए वीवीआईपी व्यवस्था हर वक्त चालू है.
अब जानिए वीवीआईपी व्यवस्था है क्या
अगर आप वीवीआईपी व्यवस्था के माध्यम से आ रहे हैं तो आपको प्रोटोकॉल मिलेगा. वीवीआईपी घाट पर जाने को मिलेगा. वीवीआईपी घाट से सरकारी नाव या बोट मिलेगी. आप संगम की मुख्य धारा में जाकर वहां पवित्र आस्था की डुबकी लगाएंगे और आप वापस वीवीआईपी घाट पर आकर के सीधे गाड़ी से 10 मिनट के अंदर आप कुंभ क्षेत्र से बाहर जा सकते हैं. ऐसी सुविधाओं के साथ वीवीआईपी घाट हैं, वीवीआईपी व्यवस्थाएं हैं. मेलों के बीच में ऐसे बहुत सी गाड़ियां होती हैं जिनको लेकर यह जानकारी नहीं होती है कि ये शासन प्रशासन के वीवीआईपी हैं या फिर इन सब के बीच में वह सिस्टम को चकमा देकर के लाभ उठा रहे हैं.
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