Greater Noida News: यहां 20 गांवों को मिलने वाला है सीधा लाभ, 2 नए अंडरपास बनाने की योजना पर काम शुरू

Greater Noida News: पहले अंडरपास 'बॉक्स पुशिंग' तकनीक से बनाए गए थे, जिनमें सड़क धंसने की समस्या आई थी. इसलिए अब प्राधिकरण ने 'डायाफ्राम वॉल' तकनीक को चुना है.

Greater Noida News: पहले अंडरपास 'बॉक्स पुशिंग' तकनीक से बनाए गए थे, जिनमें सड़क धंसने की समस्या आई थी. इसलिए अब प्राधिकरण ने 'डायाफ्राम वॉल' तकनीक को चुना है.

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Yashodhan.Sharma
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underpasses built Noida Expressway

सांकेतिक तस्वीर Photograph: (Wikimedia)

Greater Noida News: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और नोएडा एक्सप्रेसवे पर अब आने-जाने वालों के लिए सफर और आसान होने वाला है. नोएडा प्राधिकरण दो नए अंडरपास बनाने की योजना पर काम शुरू कर चुका है. इसके लिए सिविल विभाग के साथ मिलकर टेंडर जारी कर दिया गया है. कंपनियां 18 फरवरी तक आवेदन कर सकेंगी और 19 फरवरी को इन टेंडरों की बिड खोली जाएगी. इन दोनों अंडरपासों के बन जाने से करीब 27 सेक्टर और 20 गांवों के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. इससे पहले भी एक्सप्रेसवे पर तीन अंडरपास बनाए जा चुके हैं, जिससे आवागमन सुगम हुआ है.

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यहां बनेगा पहला अंडरपास

पहला अंडरपास नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 16.900 किलोमीटर चैनेज पर बनाया जाएगा. इसकी लंबाई लगभग 800 मीटर होगी और इसके निर्माण पर करीब 99.74 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह अंडरपास सेक्टर 151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159 और 162 समेत नौ औद्योगिक सेक्टरों और आसपास के नौ गांवों को जोड़ेगा. इससे क्षेत्र के लोगों को दिल्ली और नोएडा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.

दूसरा के होगा इस जगह निर्माण

दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर के पास एक्सप्रेसवे के 6.10 किलोमीटर चैनेज पर बनाया जाएगा. यह सेक्टर 128, 129, 132 और 108 के बीच स्थित होगा. लगभग 731 मीटर लंबे इस अंडरपास के निर्माण में 81.61 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इससे सेक्टर 104, 105, 106, 107, 108, 110, 80, 81, 82, 83, 127, 128, 129 से लेकर 135 तक के क्षेत्रों के साथ-साथ फेस-2 इलाके के 11 गांवों को भी लाभ होगा.

तकनीक में भी है बदलाव

इस बार निर्माण तकनीक में भी बड़ा बदलाव किया गया है. पहले अंडरपास 'बॉक्स पुशिंग' तकनीक से बनाए गए थे, जिनमें सड़क धंसने की समस्या आई थी. इसलिए अब प्राधिकरण ने 'डायाफ्राम वॉल' तकनीक को चुना है. इस तकनीक में जमीन की खुदाई किए बिना ही अंदर दीवारें तैयार की जाती हैं. इन दीवारों के ऊपर अंडरपास की छत बनाई जाएगी, जिससे सड़क की स्थिरता बनी रहेगी और यातायात पर असर नहीं पड़ेगा.

इन अंडरपासों के बनने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, औद्योगिक क्षेत्रों में आवाजाही और तेज होगी, और गांवों को शहरी इलाकों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. यह प्रोजेक्ट क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

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