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Mukhtar Ansari: दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना भारतीय सेना में अधिकारी, कैसे खूंखार अपराधी बना मुख्तार अंसारी? 

Mukhtar Ansari: वर्ष 2022 में मुख्तार अंसारी को आठ मामलों का दोषी ठहराया गया. सबसे पहला केस 15 साल की उम्र में दर्ज किया गया.

Updated on: 29 Mar 2024, 11:17 AM

नई दिल्ली:

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी का जन्म 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में हुआ था. उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक कद्दावर नेता थे. 1927 में वे पार्टी के अध्यक्ष बने. 1936 में मृत्यु से पहले वह जामिया मिलिया इस्लामिया के चांसलर के रूप में कार्यरत रहे. आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण बांदा के एक अस्पताल में करीब रात 10 बजे मौत हो गई. हत्या के 14 समेत 63 आपराधिक मामलों में वह आरोपी था. सितंबर 2022 में मुख्तार आठ मामलों में दोषी ठहराया गया था. उसे सजा सुनाई गई. 

माता के पक्ष की बात करें तो मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में एक सम्मानित अधिकारी थे. 1948 में पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में वे शहीद हो गए. उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. मुख्तार गैंगस्टर से नेता बना. विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर उत्तर प्रदेश के मऊ से पांच बार विधायक रहा. आइए अपराध की दुनिया से मुख्तार अंसारी के कनेक्शन को जानने की कोशिश करते हैं. 

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मुख्तार अंसारी का अपराध से कैस हुआ जुड़ाव 

1. मुख्तार अंसारी का अपराध की दुनिया से संबंध 1978 में आरंभ हुआ. उस समय मुख्तार सिर्फ 15 साल का था. अंसारी को कानून से पहली बार तब रूबरू होना पड़ा जब उन पर गाजीपुर के सैदपुर पुलिस स्टेशन में आपराधिक धमकी का केस दर्ज किया गया. 

2. 1986 तक मुख्तार अंसारी ठेका माफिया मंडली में एक बड़ा चेहरा बना गया. उसी वर्ष उसके खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मद थाने में हत्या का एक और मामला दर्ज किया गया था.

3. 90 के दशक तक मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में नामी चेहरा बन गया. उसके खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत कम से कम 14 और मामले दर्ज किए गए.

4. मुख्तार अंसारी पर 2005 तक हत्या समेत 28 आपराधिक मामले और यूपी के गैंगस्टर एक्ट के तहत सात मामले दर्ज किए गए.

5. गैंगस्टर-राजनेता को सितंबर 2022 से आठ आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया. उसे विभिन्न अदालतों में 21 मामलों में मुकदमें का सामना करना पड़ा. 

6. 2022 में मुख्तार अंसारी को 37 साल पहले धोखाधड़ी से हथियार का लाइसेंस पाने के मामले में आजीवन कारावास और ₹2.02 लाख का जुर्माना लगाया गया था. यह आठवां मामला था, इसमें उन्हें पिछले 18 महीनों में यूपी की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी. उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

6. 15 दिसंबर, 2023 को वाराणसी की एक एमपी/एमएलए अदालत ने मुख्तार अंसारी को महावीर प्रसाद रूंगटा को जान से मारने की धमकी देने के लिए पांच साल और छह महीने की सजा सुनाई. 

7. 27 अक्टूबर, 2023 को, गाजीपुर एमपी/एमएलए अदालत ने मुख्तार अंसारी को 2010 में उनके खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल के कठोर कारावास और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई.

8. 5 जून 2023 को वाराणसी के एक सांसद/विधायक ने पूर्व कांग्रेस विधायक और वर्तमान यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 3 अगस्त, 1991 को जब वे और उनके भाई अजय वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अपने घर के बाहर खड़े थे. तभी अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया था.

9. इन मामलों में सबसे हाई प्रोफाइल 2005 में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कृष्णानंद राय की हत्या थी. 29 अप्रैल, 2023 को, गाजीपुर एमपी/एमएलए अदालत ने अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. 

10. 2020 से, अंसारी गिरोह उत्तर प्रदेश पुलिस के निशान पर था. गिरोह से संबंधित 608 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को या तो जब्त कर लिया या ध्वस्त कर दिया.

मुख्तार अंसारी का राजनीतिक करियर

मुख्तार अंसारी 1996 से 2022 तक पांच बार पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में, दो बार निर्दलीय के रूप में और एक बार कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में खड़ा हुआ. 2022 में मुख्तार अंसारी ने अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को कमान सौंप दी. 2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उसी विधानसभा सीट से जीता था. ये उस समय समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी.