Gorakhpur Medical Student: गोरखपुर का ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’, 11 साल से एक ही क्लास में अटका छात्र, आखिर क्या है मामला?

Gorakhpur Medical Student: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक एमबीबीएस छात्र 11 साल से फर्स्ट ईयर में ही अटका है. आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से.

Gorakhpur Medical Student: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक एमबीबीएस छात्र 11 साल से फर्स्ट ईयर में ही अटका है. आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से.

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Deepak Kumar
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Gorakhpur Medical Student:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस की याद दिला दी है. यहां बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा एक एमबीबीएस छात्र पिछले 11 वर्षों से अपने फर्स्ट ईयर में ही अटका हुआ है. साल 2014 में दाखिला लेने वाला यह छात्र आज तक प्रथम वर्ष की परीक्षा पास नहीं कर सका.

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क्या है पूरा मामला?

कॉलेज प्रशासन के अनुसार, छात्र ने दाखिले के बाद केवल एक बार परीक्षा दी थी, जिसमें वह असफल रहा. इसके बाद न तो वह नियमित रूप से कक्षा में शामिल हुआ और न ही परीक्षाओं में बैठा. इसके बावजूद वह 11 साल तक कॉलेज हॉस्टल में रह रहा था. इस मामले के सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्र को निष्कासित करने और हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया है.



कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला अब एकेडमिक कमेटी को सौंपा गया है और आगे की कार्रवाई के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से मार्गदर्शन लिया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि छात्र की मदद के लिए कई बार काउंसलिंग कराई गई, स्पेशल क्लासेस की सुविधा दी गई, लेकिन छात्र ने पढ़ाई में कोई रुचि नहीं दिखाई.

आजमगढ़ जिले का है छात्र

मिली जानकारी के मुताबिक, छात्र आजमगढ़ जिले का रहने वाला है और कॉलेज में उसे ‘दरोगा’ नाम से जाना जाता है, क्योंकि उसके पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं. छात्र का दावा है कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, इसी वजह से वह परीक्षा पास नहीं कर पाया. उसने कॉलेज के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी, लेकिन नियमों के आधार पर उसे कोई राहत नहीं मिली. प्रशासन का कहना है कि इस छात्र की वजह से हॉस्टल और कॉलेज में अन्य छात्रों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यह सवाल भी उठ रहा है कि इतने वर्षों तक यह छात्र बिना पढ़ाई किए कॉलेज और हॉस्टल में कैसे बना रहा.

एनएमसी के नियम क्या कहते हैं?

नेशनल मेडिकल कमीशन के मौजूदा नियमों के अनुसार, एमबीबीएस फर्स्ट ईयर अधिकतम चार प्रयासों में पास करना अनिवार्य है. इसके अलावा पूरा एमबीबीएस कोर्स 10 साल के भीतर पूरा करना होता है. यह छात्र दोनों ही सीमाएं पार कर चुका है, इसी आधार पर कॉलेज ने सख्त कदम उठाया है.

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