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Gorakhnath Temple attack: NIA कोर्ट ने दोषी अहमद मुर्तजा को सुनाई फांसी की सजा 

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमले के दोषी मुर्तजा अब्बास को फांसी की सजा सुनाई गई है. सजा का ऐलान एनआईए कोर्ट ने  ​किया है. मुर्तजा पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

Updated on: 31 Jan 2023, 12:13 AM

highlights

  • 60 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद आज सजा की घोषणा
  • धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा
  • अहमद मुर्तजा अब्बादी ने बड़े धारदार हथियार से अटैक किया था

नई दिल्ली:

Gorakhnath Temple attack: गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमले के दोषी अहमद मुर्तजा अब्बास (Ahmad Murtaza Abbas) को फांसी की सजा सुनाई गई है. सजा का ऐलान एनआईए (NIA) कोर्ट ने ​किया है. मुर्तजा पर यूएपीए (UAPA Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था.  उसे आतंकी श्रेणी में रखा गया था. सोमवार को सुनवाई के लिए मुर्तजा को भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ में NIA/ATS की कोर्ट में लाया गया. गोरखनाथ मंदिर पर अप्रैल 2022 में हमला किया गया था. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि 60 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद आज सजा की घोषणा की गई. इसमें धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला हुआ था, उसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. एडीजी (ADG) के अनुसार, सभी सबूतों को कोर्ट के सामने पेश किया गया था. कोर्ट इन सबूतों और दांवों को सही माना. ये तय करता है कि पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही थी.

वारदात के दस माह बाद सोमवार को लखनऊ की कोर्ट ने निर्णय सुनाया है. हमले वाले दिन गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बास ने बड़े धारदार हथियार से अटैक किया था. इसके साथ जवान से हथियार को छीनने की कोशिश की थी. अप्रैल 2022 में हमले की जांच में ये सामने आया कि हमलावर इस बीच नेपाल भी गया था. उसके पास से पुलिस को संदिग्ध दस्तावेज हासिल हुए हैं. 

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गौरतलब है कि गोरखनाथ पीठ में अप्रैल 2022 में अहमद मुर्तजा अब्बास नाम के एक शख्स ने अचानक हथियार लहराते हुए जवान पर हमला कर दिया था. इसके बाद घटनास्थल पर हड़कंप मच गया था.  इस दौरान मुर्तजा ने अपने तेजधार वाले हथियार से कई पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इस दौरान मंदिर के पास मौजूद लोगों को उसने हथियार से डराने और धमकाने की कोशिश भी की थी. 

इस मामले में आरोपी के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटा मानसिक रूप से बीमार है. वह अनस्टेबल है. मुर्तजा के पिता के अनुसार,  बचपन से ही वह बीमार रहा करता था. इसको हम नहीं समझ नहीं सके. 2018 आने तक इस बीमारी ने विकारल रूप ले लिया. नौकरी के दौरान भी बिना सूचना दिए महीनों तक अपने कमरे पर पड़ा रहता था. पिता का कहना है कि उसका इलाज जामनर अहमदाबाद में कराया गया था. वह अकेले रहने में सक्षम नहीं है. वह दिमागी रूप से स्टेबल बिल्कुल नहीं है.