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गोरखनाथ मंदिर हमले का आरोपी( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
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गोरखनाथ मंदिर हमले का आरोपी( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर अचानक धारदार हथियार से हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं. यूपी ATS ने अब्बासी से पूछताछ की, मुर्तजा अब्बासी की कई सोशल मीडिया, बैंक खातों का लेनदेन और ऑनलाइन वॉलेट की भी जांच की गई. जिसके बाद बताया गया कि वो आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के लड़ाकों के संपर्क में था. गौरतलब है कि मुर्तजा अब्बासी गोरखपुर के एक संपन्न और शिक्षित परिवार का है औऱ वह स्वयं इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया है. हमले के तत्काल बाद उसके परिजनों ने कहा कि वह काफी दिनों से डिप्रेशन का शिकार है और अपने होश में नहीं रहता है, लेकिन पुलिस ने उससे सच्चाईं कुबूल करवाली है.
बता दे कि 3 अप्रैल को मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर के बाहर धारधार हथियारों से पुलिस पर हमला कर दिया था. इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल भी हुआ था. जिसका हथियार छीनने में अब्बासी कामयाब नहीं हो पाया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी के खिलाफ यूएपीए भी लगाया गया था.
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यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इसे लेकर मीडिया को जानकारी दी. जिसमें उन्होंने बताया कि, "जांच में पता चला कि अभियुक्त मुर्तजा अब्बासी ISIS के लड़ाके और उनसे सहानुभूति रखने वालों के संपर्क में था. अभियुक्त 2014 में बेंगलुरु पुलिस द्वारा गिरफ़्तार ISIS का प्रचार करने वाले मेहदी मसरूर बिस्वास के संपर्क में था." उन्होंने आगे बताया कि, आरोपी आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारकों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों से प्रभावित था. मुर्तजा ने करीब साढ़े आठ लाख भारतीय रुपए यूरोप और अमेरिका में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों के लिए भेजे थे.
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि, अब्बासी ने इंटरनेट के माथ्यम से AK-47, M4 कार्बाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी के बारे में देखा और पढ़ा और इसी से इसने एयर पिस्तौल चलाना सीखा. इसकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों का हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश थी. पुलिस ने बताया कि, आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी एक्टिविस्ट के सामने शपथ ली थी जिसका 2014 में आईएसआईएस में विलय हो गया था. इसके बाद फिर 2020 में शपथ ली.