Gonda: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां जिला अस्पताल में करोड़ों रुपये की दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. हैरानी की बात यह है कि मामले की जांच पूरी होने के बावजूद अब तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
क्या कहती है रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 से अगस्त 2023 के बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा के कार्यकाल में करोड़ों की खरीद की गई. इस दौरान नियमों को ताक पर रखते हुए कुछ चुनिंदा फर्मों को टेंडर दिए गए. रिपोर्ट में बताया गया कि कुल 20 फर्मों में से 10 को अयोग्य घोषित कर दिया गया और केवल 3 फर्मों से ही खरीद की गई, जिनका मालिकाना हक एक ही व्यक्ति के पास था.
वित्तीय नियमों का उल्लंघन
कई मामलों में खरीदी गई सामग्री केवल कागजों पर ही दिखाई गई, जबकि वास्तविक आपूर्ति नहीं हुई. कुछ कंपनियों को भुगतान ऐसे बिलों के आधार पर किया गया जिनका कोई रिकार्ड विभाग में मौजूद नहीं था. जांच समिति ने साफ कहा है कि वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया गया है.
तत्कालीन मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा ने इस घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट अक्टूबर 2023 में शासन को सौंपी थी और डॉ. वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी. लेकिन रिपोर्ट को भेजे जाने के डेढ़ साल बाद भी न तो कोई कानूनी कार्रवाई हुई है और न ही उन्हें पद से हटाया गया है.
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क्या बोले डिप्टी सीएम
इस मामले में राजनीतिक संरक्षण की भी बात सामने आई है. डॉ. रश्मि वर्मा की ऊंची पहुंच की वजह से अब तक मामला दबा हुआ है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने न्यूज स्टेट से बात करते हुए कहा कि वह इस मामले की समीक्षा कर सख्त कार्रवाई करेंगे.
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