इश्क झुकता नहीं, झुकाने से.... प्रेम को किसी भी बंधन में बांधा नहीं जा सकता है. प्रेम (lOVE) सारी सीमाओं से परे होता है. प्रेम निस्वार्थ भाव से किया जाता है. एक दूसरे में उतरकर दो जिस्म एक जान बनते हैं तो प्रेम होता है. ऐसा ही प्रेम यूपी के कुशीनगर (kushinagar) में देखने को मिला है. प्रेमिका अपने प्यार को पाने के लिए सारी हदें पार कर दी. आखिरकार सफलता मिल ही गई है. इश्क जिंदाबाद रहे. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक हैरान करने वाली प्रेम कहानी सामने आई. यहां एक प्रेमिका अपने प्रेमी के दरवाजे पर पहुंचकर शादी की मांग को लेकर बैठ गई. वह तबतक बारिश में बैठी रही, जब से प्रेमी के घरवाले शादी के लिए मान नहीं गए.
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घरवालों ने भी युवती को अपने घर की बहू बनाने की सहमती दे दी
जिले के हनुमानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती अपने ही गांव के प्रेमी के दरवाजे पर पहुंची और शादी की मांग करते हुए वहीं बैठ गई. कई लोग युवती को मनाने पहुंचे लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही. कुछ घंटों बाद प्रेमी के घरवालों ने भी युवती को अपने घर की बहू बनाने की सहमती दे दी. इसके बाद बारिश में भीग रही प्रेमिका के पास पहुंचकर प्रेमी ने उसका हाथ थामा और जीवन संगिनी मानकर घर के अंदर ले गया. बता दें कि हनुमानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती का गांव के दूसरी जाति के युवक से प्रेम संबंध हो गया. युवक के घरवालों को इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन लड़की के घरवाले तैयार नहीं थे.
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प्यार ऐसा चढ़ा परवान
दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे. दोनों में धीरे-धीरे प्यार हो गया. युवक रोजी रोटी के लिए परदेश चला गया परंतु दोनों में मोबाइल पर बातचीत होती रही. लॉकडाउन में युवक अपने घर लौट आया. दोनों मिले तो शादी की बात चली, परंतु युवक अपने घरवालों से बात करने का हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. साथ ही जाति का बंधन भी आड़े आ रहा था. सोमवार को युवती प्रेमी के दरवाजे पर पहुंचकर शादी की मांग करते हुए बैठ गई. लड़के के घरवालों के अलावा अगल-बगल के लोगों ने भी समझाने का प्रयास किया लेकिन लड़की अपनी जिद पर अड़ी गई. इस प्रेम कहानी के अंत में प्रेमी ने बारिश में भीग रही प्रेमिका के पास पहुंचकर उसका हाथ थाम लिया.