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solar panel (social media)
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने सोलर पैनल लगाने को अनिवार्य कर दिया है. यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत को लेकर अहम निर्णय बताया जा रहा है. इसे बढ़ा देने के लिए यूपी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. अब बिना सोलर पैनल के बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल सकेगा. ऐसे में यह योजना अधिक प्रभावी हो जाती है.
GDA ने सोलर एनर्जी को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अहम निर्णय लिया है. अगर आप GDA से 100 वर्ग मीटर या बड़े प्लॉट के नक्शे को पास कराते हैं तो सोलर पैनल को लगाना जरूरी होगा. इस निर्णय को GDA की बोर्ड बैठक में समर्थन मिल गया है. इसे बिल्डिंग बायलॉज के रूप में तैयार किया जाएगा.
इससे पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने भी ऐसी ही नियम लागू किया था. Renewable Energy को बढ़ाव देने और लोगों को सोलर को सोलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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नहीं मिलेगा कम्प्लीशन सर्टिफिकेट
GDA के इस नियम को लेकर अगर कोई अपने प्लॉट पर सोलर पैनल को नहीं फिट करता है तो आपको कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल सकेगा. बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर को अवैध माना जाएगा. इस पर कार्रवाई भी हो सकती है. सोलर पैनल लगाने न केवल बिजली का खर्च कम करता है. इसके साथ पर्यावरण भी संरक्षित होगा. इसके साथ प्रदूषण को रोकने के लिए सोलर पैनल अहम भूमिका निभा रहा है.
सब्सिडी से लागत में राहत उम्मीद
सरकार ने सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने को लेकर सब्सिडी तय की है. एक किलोवाट सोलर सिस्टम को लगाने में ₹54,000 से ₹80,000 का खर्च होता है. सरकार इसमें 30 से 40 फीसदी तक की सब्सिडी देती है. यह सिस्टम आम जनता के लिए काफी किफायती माना जाता है. पीएम सूर्यधर योजना के तहत सरकार ने 2 लाख घरों में सोलर सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत गाजियाबाद में 10 हजार घरों को चिन्हित किया है.
पर्यावरण के बचाव में किया प्रभाव
सोलर पैनल लगाने से बिजली के बिल में कमी आ जाएगी. इस तरह से बिल में काफी कमी आएगी. यह पर्यावरण संरक्षण में काफी अधिक योगदान देने वाला है. इस योजना गाजियाबाद जैसे कई शहरों में प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी. सोलर एनर्जी का इस्तेमाल न केवल ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित करने वाला है. आने वाले वक्त में Fossil Fuels पर यह निर्भता काफी कम होगी.