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Exclusive: कोटा से बच्चों को यूपी भेजने को लेकर गहलोत सरकार ने योगी गवर्मेंट को भेजा 36 लाख से ज्यादा का बिल

ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है, जिन्हें राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों द्वारा कोटा (राजस्थान) से उत्तर प्रदेश छोड़ा गया था. राजस्थान सरकार ने बिल भेज कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार इसका तुरंत भुगतान करे.

Updated on: 21 May 2020, 08:27 PM

नई दिल्ली:

लॉकडाउन (Lockdown) के चौथे चरण में प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi vadra) ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को यूपी बार्डर पर भेजने का सियासी दावा किया था. इन बसों में कई के नम्बर ऑटो रिक्शा, एम्बुलेंस और स्कूटर के निकले थे. इसके बाद अब राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36,36,664 रुपए का बिल भेज दिया है.

ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है, जिन्हें राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों द्वारा कोटा (राजस्थान) से उत्तर प्रदेश छोड़ा गया था. राजस्थान सरकार ने बिल भेज कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार इसका तुरंत भुगतान करे.

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 डीजल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 19 लाख रुपए ले लिया था

गहलोत सरकार की तरफ से भेजे गए बिल में कहा गया है कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए 70 बसें उपलब्ध कराई थी. इस के लिए 36,36,664 रुपए का खर्चा आया है. हालांकि राजस्थान सरकार की बसें जब छात्रों को लेने कोटा पहुंची थी, तभी डीजल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 19 लाख रुपए ले लिया था, बावजूद इसके फिर से भारी भरकम बिल भेज दिया है.

यूपी में कोटा के 12 हजार बच्चे फंसे थे

कोटा में करीब 12,000 छात्र लॉकडाउन में फंसे थे. जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने 560 बसें भेजी थीं. सरकार को उम्मीद थी कि इतनी बसों से बच्चों की वापसी हो जाएगी. पर बच्चों की संख्या अधिक थी.

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ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया कि अपनी कुछ बसों से बचे हुए बच्चों को प्रदेश की सीमा स्थित फतेहपुर सीकरी और झांसी तक पहुंचा दें. वहां से हम इनको घर भेजने की व्यवस्था कर लेंगे. जिस पर राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था. इसी बसों का किराया अब राजस्थान सरकार मांग रही है.