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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी नए हैं, फैसले लेने में डर महसूस कर रहे है: देवेन्द्र फडणवीस

भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बृस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार पर कोविड-19 (Covid-19) से निपटने के लिए निर्णय लेने में नाकाम रहने और वहां हालात को बदतर होने देने का आरोप लगाया.

Updated on: 21 May 2020, 08:25 PM

दिल्ली:

भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बृस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार पर कोविड-19 (Covid-19) से निपटने के लिए निर्णय लेने में नाकाम रहने और वहां हालात को बदतर होने देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हालात से निपटने के लिए फैसले लेने से डर रहे हैं. फडणवीस ने कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित मुंबई पर चर्चा करते हुए कहा कि वहां सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिये बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं जबकि सरकार की नाकामियों के चलते शहर के निजी अस्पतालों के आईसीयू भी खाली पड़े हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि निजी अस्पताल कोरोना वायरस रोगियों से एक दिन के बिस्तर के लिए 30,000 रुपये ले रहे हैं. पिछली भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे फडणवीस ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए निर्णय लेने में अक्षमता महाराष्ट्र सरकार की सबसे बड़ी समस्या है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी नए हैं और फैसले लेने में डर महसूस कर रहे हैं. वह काफी हद तक नौकरशाही पर निर्भर हैं. फडणवीस से पूछा गया कि कोविड-19 के मद्देनजर प्रवासी कामगार महाराष्ट्र से चले गए हैं, ऐसे में क्या महाराष्ट्र देश के उद्योगों का पावरहाउस बना रहेगा. इसपर फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान उन्हें रोकने के लिए कुछ खास नहीं किया.

फडणवीस ने कहा कि इस मामले पर राज्य सरकार ने ढुल-मुल रवैया अपनाया। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती थी कि वे चले जाएं. महाराष्ट्र के प्रवासी कामगारों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी योगदान दिया है. हमें डर सता रहा है कि वे कब वापस लौटेंगे, लेकिन फिलहाल उनके लौटने की उम्मीद नजर नहीं आती. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से भारत में विदेशी निवेश का पसंदीदा स्थान रहा है, लेकिन राज्य सरकार उद्योगों को फिर से शुरू करने को लेकर सक्रिय नहीं दिख रही.

फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के पास चीन से जा रहे उद्योगों को आकर्षित करने का अच्छा मौका है, लेकिन इसके लिये राज्य सरकार को सक्रिय होना चाहिए.