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Ganaga Vilas Cruise बनाएगा आपके सफर को सुहाना, जानें क्यों है खास रूट

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से डिब्रूगढ़ चलने वाली विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.

Updated on: 13 Jan 2023, 10:37 AM

वाराणसी:

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से डिब्रूगढ़ चलने वाली विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. वे इस कार्यक्रम में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं. साथ ही पीएम मोदी ने गंगा घाट पर बने स्पेशल टेंट सिटी का भी शुभारंभ किया है. यह टेंट सीटी अक्टूबर से जून के बीच ऑपरेशनल होगा, जहां जाने वाले यात्रियों को रखा जाएगा. आइये जानते हैं कि गंगा विलास क्रूज के रूट की क्या है खासियत... 

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पीएम मोदी के द्वारा गंगा विलास लग्जरी क्रूज के उद्घाटन के पहले दिन ही 32 लोगों की स्विटजरलैंड के एक ग्रुप ने टिकट बुक कराया है. यह क्रूज यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लदेश के होते हुए असम तक जायेगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह क्रूज 27 रिवर सिस्टम को पार करते हुए कुल 51 दिनों की यात्रा के बाद असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी. वही इस दौरान ये कुल 3200 किलोमीटर की यात्रा करेगी. जानकारी के मुताबिक यह क्रूज 13 जनवरी को वाराणसी के रामनगर पोर्ट से शुरू होगी और 51 दिनों के बाद 5 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी. यह एक ट्रिपल डेक वाला लग्जरी क्रूज होगा.

इस लग्जरी क्रूज गंगा विलास के रूट की बात करे तो लोगों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट, नेशनल पार्क और कई दर्शनिय स्थानों से गुजरेगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह यात्रा शाम की गंगा आरती के बाद शुरू बाद में ये सारनाथ जायेगी जो कि महात्मा गौतम बुद्ध के पहले उपदेश के लिए प्रसिद्ध है. इसके बाद क्रूज बिहार की राजधानी पटना जायेगी जो कि सिक्ख के गुरू गोविंद सिंह का जन्मस्थान है वही इसके बाद बिहार के बोधगया भी जायेगी जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. क्रूज इसके बाद बिहार स्कूल ऑफ योगा, विक्रमसिला युनिवर्सिटी भी जायेगी. क्रूज बंगाल में प्रवेश करेगी जहां सुंदरवन नेशनल पार्क होकर जायेगी जो कि रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है. इसके बाद राजधानी कोलकाता होते हुए बंगलादेश की राजधानी ढाका जायेगी और यह फिर भारत के असम राज्य में प्रवेश करेगी. यहां मोरिगांव जिले के मायोंग जायेगी जो कि तांत्रिक जादू-टोने के खेल के लिए फेमस है. इसके बाद यह काजिरंगा नेशनल पार्क जायेगी जो कि एक सिंग वाले गैंडे के लिए फेमस है इसके बाद विश्व के सबसे बड़े रिवर आईलैंड मांजूली जायेगी और 51 दिनों कि यात्रा के बाद यह डिब्रूगढ़ पहुंचेगी.

सरकार के द्वारा जारी किए बयान के मुताबिक इस कुल 51 दिनों की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति करीब 13 लाख रुपये देने होंगे जोकि प्रतिदिन करीब 25 हजार रूपये होता है. वही जानकारी के मुताबिक टिकटों के दाम में भारतीय और गैर - भारतीय के लिए बराबर होगा इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी.