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राहुल और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोका गया
Sambhal Violence Truth: 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा हुई. इस हिंसा ने ऐसा रूप ले लिया कि क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई. यहां तक कि बाहर से लोगों के आने पर भी इलाके में रोक लगा दी गई. इस हिंसा में 4 लोगों ने अपनी जिंदगी गंवा दी. दरअसल, 24 नवंबर को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए पुलिस के साथ ही टीम पहुंची थी. इस सर्वे का कुछ लोग विरोध कर रहे थे. अचानक से विरोध कर रहे लोगों ने पुलिसबल पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
#WATCH | Lok Sabha LoP and Congress MPs Rahul Gandhi, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra and other party leaders return to Delhi.
— ANI (@ANI) December 4, 2024
They were stopped by Police at the Ghazipur border on the way to violence-hit Sambhal. pic.twitter.com/eQhbU9DYhi
राहुल-प्रियंका नहीं जा सके संभल
बुधवार को संसद के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी संभल के लिए रवाना हुए, लेकिन उनके काफिले को यूपी बॉर्डर पर रोक लिया गया. इसका कांग्रेस नेताओं ने जमकर विरोध किया, लेकिन उन्हें संभल जाने नहीं दिया गया. जिसके बाद राहुल-प्रियंका अपने काफिले के साथ वापस दिल्ली लौट गए.
संभल हिंसा के पीछे विदेशी फंडिंग!
इस पथराव में 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए. पुलिस संभल में हुई हिंसा को लेकर जांच में जुटी हुई है. अब तक सपा नेता समेत कई लोगों पर FIR दर्ज कर पूछताछ भी की जा रही है. इस बीच पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. मंगलवार को फोरेंसिक टीम के साथ जांच के लिए पहुंची पुलिस ने घटना से 6 कारतूस के खोखे बरामद किए हैं.
पाकिस्तान और अमेरिका का हाथ!
इन 6 कारतूसों के खोखे में से एख पर पीओएफ लिखा हुआ है यानि कि पाकिस्तान आर्डिनेंस फैक्ट्री. दूसरे कारतूस के खोखे पर मेड इन यूएसए लिखा हुआ है. इन दोनों कारतूस के खोखे यहां यह सवाल खड़ी कर रही है कि क्या संभल हिंसा की तैयारी पहले से ही की जा चुकी थी और इस हिंसा के पीछे अन्य देशों का भी हाथ है. फिलहाल, सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है.
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संभल हिंसा पर पुलिस का बड़ा खुलासा
फोरेंसिक टीम के साथ पुलिस संभल मस्जिद के आस-पास झाड़ियों और नालियों में भी छानबीन कर रही थी. इसी दौरान नालियों से कारतूस के ये खोखे मिले. जैसे ही एसपी को इस बात की जानकारी मिली, वह भी मौके पर पहुंच गए. इन सभी सबूतों के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि संभल में जो हिंसा हुई. यह प्लानिंग के तहत की गई है.
क्या है शाही जामा मस्जिद के सर्वे का पूरा मामला?
दरअसल, हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि संभल जामा मस्जिद से पहले वहां हरिहर मंदिर था. बाबर ने अपने शासनकाल में मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बना दिया. इसी याचिका पर 19 नवंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. 24 नवंबर को जैसे ही सर्वे की टीम सुबह-सुबह जामा मस्जिद पहुंची. वहां, विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी. यहां तक कि इलाके में खड़ी कई गाड़ियों क भी आग के हवाले कर दिया.