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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (Social)
Firozabad News: यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. रविवार को जलस्तर में करीब डेढ़ फीट की और वृद्धि दर्ज की गई, जिसके बाद पानी गांवों की ओर बढ़ने लगा है. प्रशासन ने यमुना किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है और जरूरी सामान बांधकर तैयार रखने के निर्देश दिए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सके.
खेत और मकान पानी में घिरे
पिछले कई दिनों से यमुना का जलस्तर तेजी से ऊपर जा रहा है. रविवार सुबह नौ बजे घाट पर पहुंचे ग्रामीणों ने देखा कि पानी और चढ़ चुका है. खेतों में पूरी तरह पानी भर गया है. ग्वारई गांव में संत कुमार धाकरे के घर तक यमुना का पानी पहुंच गया है. उनके घर के पास बरगद के पेड़ तले बंधे पशु अब पानी में खड़े दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं, प्राथमिक विद्यालय तक भी पानी दस्तक दे चुका है.
रामगढ़ बझेरा में संजीव वर्मा के घर के मुख्य द्वार तक पानी पहुंच गया है. हालांकि मकान ऊंचाई पर होने के कारण परिवार को फिलहाल, खतरा नहीं है, लेकिन गांव के निचले हिस्सों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
फसलें डूबीं, प्रशासन अलर्ट
खादर क्षेत्रों में खड़ी किसानों की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) प्रभात रंजन ने बताया कि ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है. उन्हें अपना जरूरी सामान बांधने की सलाह दी गई है ताकि बाढ़ की स्थिति बनने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके. प्रशासन ने स्कूलों, धर्मशालाओं और पंचायत घरों को राहत शिविर के रूप में तैयार रखा है.
किन गांवों पर मंडरा रहा खतरा
यमुना का बढ़ता पानी कई गांवों में खतरा पैदा कर रहा है. इनमें नियामतपुर, भीकनपुर, नगला काले, ठार बल्दी, जटपुरा, नगला केशों, रुधऊ मुस्तकिल, अनवारा, बालमपुर, रसूलाबाद, गदलपुरा, रामगढ़, बजहेरा, कुतुकपुर साहब, ठार डेका, ठार वर, ठार हरवंस, नगला राजपति, ग्वारई, घुरुकुआ, नगला नंदा और नगला मूसटा शामिल हैं.
हालात पर कड़ी नजर
प्रशासन लगातार हालात की निगरानी कर रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही पानी गांवों में घुसना शुरू करेगा, लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. फिलहाल, ग्रामीणों को घर छोड़ने के लिए तैयार रहने और सतर्कता बरतने की अपील की गई है.
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