Bahraich Wolf Attack: ताजा मामला कैसरगंज क्षेत्र के मझारा टोकली गांव का है. यहां दो साल की बच्ची को भेड़िया दिनदहाड़े उसकी मां के सामने उठा ले गया.
Bahraich Wolf Attack: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक एक बार फिर लौट आया है. पिछले साल महसी इलाके में 10 से ज्यादा बच्चों की जान लेने वाले भेड़िए अब फखरपुर इलाके में दहशत फैला रहे हैं. बीते 15 दिनों में चार मासूम बच्चे इनके शिकार बन चुके हैं. गांवों में सन्नाटा पसरा है, बच्चे घरों में कैद हैं और हर तरफ खौफ का माहौल है.
मां के सामने बच्ची को उठा ले गया भेड़िया
नवीनतम घटना कैसरगंज क्षेत्र के मझारा टोकली गांव की है. यहां दो साल की बच्ची को भेड़िया दिनदहाड़े उसकी मां के सामने उठा ले गया. मां ने उसे छुड़ाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहीं. घायल बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. यह इस इलाके में 15 दिनों के भीतर चौथी वारदात है.
गांव में खौफ का माहौल
घटनाओं के बाद गांवों की गलियां सुनसान हो गई हैं. लोग बच्चों को बाहर भेजने से डर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भेड़िए रात में हमला करते थे, लेकिन अब उनका पैटर्न बदल गया है और वे दिन के उजाले में भी इंसानी बस्तियों में घुसपैठ कर रहे हैं.
प्रशासन और वन विभाग अलर्ट
लगातार हमलों के बाद प्रशासन ने इलाके को अलर्ट कर दिया है. वन विभाग की 20 से ज्यादा टीमें और राजस्व विभाग की 21 टीमें गांव-गांव में तैनात हैं. ट्रैप कैमरे, ड्रोन और नेट लगाए गए हैं ताकि भेड़ियों का पता लगाया जा सके. छोटे बच्चों को घरों में ही रखने की हिदायत दी गई है.
इसलिए हो रहे इंसानों पर हमले
विशेषज्ञ मानते हैं कि भेड़ियों के इस असामान्य व्यवहार के पीछे कई वजह हो सकती हैं.
नदियों का कटाव और शिकार की कमी.
भूख और जंगलों का घटता आवास.
रेबीज जैसी बीमारी, जिससे जानवर असामान्य रूप से आक्रामक हो सकते हैं.
ग्रामीणों की बढ़ती चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक भेड़ियों को पकड़ा या खदेड़ा नहीं जाता, तब तक हालात सुधरने वाले नहीं हैं. हर परिवार डरा हुआ है और बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता बन गई है.
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