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किसानों को मिलेगी राहत Photograph: (META AI)
उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों को बड़ी राहत देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. अब जिन सहकारी समितियों में कम्प्यूटर सिस्टम की सुविधा है, वहां किसानों को खाद लेने के लिए ऑनलाइन पर्ची जारी की जाएगी. इस व्यवस्था से न सिर्फ लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी.
संगठन देगा किसानी हितैषी सुझाव
सहकारिता विभाग ने इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए तीन सदस्यीय व्यवसायिक प्रक्रिया पुनर्निर्धारण कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी उर्वरक वितरण प्रणाली को अधिक सुचारू, तकनीक-आधारित और किसान हितैषी बनाने के सुझाव देगी.
ऑनलाइन पर्चियों होगी भीड़ कम
सहकारिता आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने बताया कि खरीफ सीजन में आई दिक्कतों से सबक लेते हुए रबी अभियान के लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है. समितियों पर अब खाद की आपूर्ति ऑनलाइन पर्चियों के माध्यम से की जाएगी ताकि किसी तरह की अव्यवस्था या भीड़ न हो.
कमेटी की संरचना और भूमिका
तीन सदस्यीय इस कमेटी में उप आयुक्त एवं उप निबंधक रत्नाकर सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि सहायक आयुक्त वैशाली सिंह, जयपाल, और अपर जिला सहकारी अधिकारी वैशाली यादव को सदस्य नियुक्त किया गया है. यह कमेटी समितियों में चल रही मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करेगी और कम संसाधनों में अधिक सुविधा देने के उपाय सुझाएगी.
कमेटी का प्रमुख उद्देश्य किसानों को बिना लाइन में लगे, उनकी जरूरत के मुताबिक खाद उपलब्ध कराना है. रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रदेशभर में नई वितरण प्रणाली लागू की जाएगी.
तकनीक से बढ़ेगी पारदर्शिता
विभाग का मानना है कि ऑनलाइन पर्ची प्रणाली से न केवल वितरण प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि खाद की उपलब्धता पर निगरानी भी आसान हो जाएगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी किसान वंचित न रहे और ब्लैक मार्केटिंग पर भी अंकुश लगे.
आलू उत्पादन वाले जिलों में समितियों पर पहले से ही किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है. ऐसे में डिजिटल व्यवस्था लागू होने से किसानों को बड़ी सुविधा मिलेगी और विभागीय कर्मचारियों पर दबाव भी कम होगा. नई व्यवस्था के लागू होने के बाद रबी सीजन में खाद वितरण अधिक पारदर्शी, नियंत्रित और किसान केंद्रित होगा यही इस पहल का मुख्य उद्देश्य है.
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