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डॉ. कफील खान की और बढ़ीं मुश्किलें, तीन महीने के लिए बढ़ाया गया NSA

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ. कफील खान को गिरफ्तार किया गया था. इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 फरवरी को एनएसए (NSA) की कार्रवाई कर जेल भेज दिया.

Updated on: 17 Aug 2020, 07:06 AM

लखनऊ:

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए (NSA) के तहत जेल में बंद डॉ. कफील खान (Dr Kafeel Khan) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. योगी सरकार ने उनके खिलाफ एनएसए की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है.

भड़काऊ भाषण देने के आरोप
डॉ. कफील खान पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 10 दिसंबर 2019 को भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था. इसके बाद एडवाइजरी बोर्ड और अलीगढ़ के डीएम की रिपोर्ट पर 13 फरवरी 2020 को कफील खान को 6 महीने के लिए एनएसए के तहत बंद किया गया था. अब योगी सरकार ने एक बार फिर डॉ. कफील खान को जेल में रखे जाने की अवधि को एडवाइजरी बोर्ड की अनुशंसा पर बढ़ाया गया है.

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तीसरी बार बढ़ी एनएसए की अवधि
प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने 4 अगस्‍त 2020 को एक ऑर्डर जारी कर डॉ. कफील खान के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई को तीन महीने और आगे बढ़ा दिया. इस फैसले के बाद साफ है कि वह करीब 9 महीने तक जेल में रहेंगे. आपको बता दें कि डॉ. कफील के खिलाफ एनएसए की अवधि तीसरी बार बढ़ाई गई है. जबकि इस मामले में एडवाइजरी बोर्ड का कहना है कि खान को एनएसए के तहत जेल में रखने के पर्याप्‍त कारण हैं.

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गोरखपुर में बच्चों की मौत मामले से आए थे चर्चा में
डॉक्टर कफील खान साल 2017 में तब चर्चा में आए थे जब गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में दो दिन के अंदर 30 बच्चों की मौत हो गई थी. डॉक्टर कफील खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. घटना के वक्त कफील खान एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. बाद में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था. उस मामले में वह लगभग 7 महीने तक जेल में बंद रहे.