उत्तर प्रदेश के जिले अब मिड-डे-मील में मशरूम भी खिलाएंगे
स्व-सहायता महिला समूहों द्वारा पराली और कृषि अपशिष्ट का उपयोग करके उत्पादित मशरूम अब उत्तर प्रदेश के मध्यान्ह भोजन (मिडडे मील) योजना में शामिल किया जा रहा है.
देवरिया:
स्व-सहायता महिला समूहों द्वारा पराली और कृषि अपशिष्ट का उपयोग करके उत्पादित मशरूम अब उत्तर प्रदेश के मध्यान्ह भोजन (मिडडे मील) योजना में शामिल किया जा रहा है. एक नई पहल में देवरिया में जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कंपनी और बेसिक शिक्षा विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.
यह भी पढ़ें: संभल के अस्पताल में बड़ी लापरवाही, लड़की के शव को कुत्तों ने नोंचा, विपक्ष हमलावर
जिला मजिस्ट्रेट अमित किशोर के अनुसार, बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलेगा और एसएचजी महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी. साथ ही, एसएचजी महिलाएं स्कूली बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेंगी. जिला मजिस्ट्रेट ने किसानों से अपशिष्टों को न जलाने और मशरूम उगाने में उपयोग करने की भी अपील की है.
पहले चरण में देसही ब्लॉक के 100 स्कूलों का चयन किया गया है, अगले चरण में आठ ब्लॉकों के स्कूलों का प्रस्ताव किया गया है. शेष स्कूलों को तीसरे चरण में कवर किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: 100 साल पुराने नियम-कानूनों को खत्म करने की तैयारी में यूपी सरकार
बेसिक शिक्षा अधिकारी, संतोष कुमार राय ने कहा कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और मशरूम चयनित स्कूलों में शुक्रवार दोपहर के मेन्यू का एक हिस्सा होगा. फीडबैक के आधार पर पूरे जिले में मेन्यू लागू किया जाएगा. महालक्ष्मी प्रोड्यूसर महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देगा और उन्हें बीज भी उपलब्ध कराएगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य