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बिकरू गोलीकांड पर DIG अनंत देव ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, इन आरोपों पर दी सफाई

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर पर जिले के निवर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी पहली बार चुप्पी तोड़ी है.

Updated on: 07 Aug 2020, 03:43 PM

मुरादाबाद:

उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर पर जिले के निवर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी पहली बार चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने न्यूज नेशन से खास बातचीत में कई सवालों के जवाब दिए हैं. गुरुवार को वायरस हुए पुलिसकर्मियों के एक वीडियो पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि बिकरू गांव गोलीकांड के बाद कानपुर के निवर्तमान एसएसपी अनंत देव तिवारी को एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक पद से हटाकर पीएसी मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था.

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दरअसल, जो ताजा ऑडियो वायरल हुआ है, उसमें मरहूम के सीओ अपने एसपी से बात करते हुए अनंत देव पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने 5 लाख रुपये लेकर एसओ चौबेपुर विनय तिवारी के खिलाफ करवाई नहीं की थी. जिसके बाद अनंत देव ने पहली बार मीडिया से बातचीत की और न्यूज नेशन पर उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी. इन आरोपों पर अनंत देव ने कहा कि जुआ पकड़ा गया चौबेपुर थाना इलाके में और मैंने उस थाना क्षेत्र से बाहर बिल्हौर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया, जिससे जुए की विवेचना आरोपी थाना न कर पाए. अनंत देव ने शुरुआती पत्र जो सीओ की तरफ से जारी था, उस पर भी सवाल उठाए हैं.

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बता दें कि सीओ देवेंद्र मिश्रा की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी को लेकर अनंत देव जांच के दायरे में आ गए हैं. इस मामले की जांच करने लखनऊ से आईं आईजी लक्ष्मी सिंह की जांच-पड़ताल में विनय तिवारी पर कार्रवाई न करने की आंच में फंसे डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से हटाकर उन्हें दूसरी जगह पीएसी मुरादाबाद भेज दिया गया था.

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ज्ञात हो कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को कानपुर में एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था. चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई थी. टीम की कमान बिठूर के सीओ देवेंद्र मिश्रा के हाथ में थी और उनके साथ 3 थानों की फोर्स मौजूद थी. इससे पहले कि पुलिस विकास दुबे को दबोच पाती, उसके गैंग ने पुलिस पर धावा बोल दिया था. काफी देर तक चली इस मुठभेड़ में सीओ देवेंद्र मिश्रा के अलावा एसओ शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.