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ज्ञानवापी मामले को लेकर हिन्दू पक्षों में मतभेद, मुकदमे को एक कोर्ट में ले जाना बना वजह

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों को एक साथ करने वाले प्रार्थना पत्र पर पांच दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई होगी.शृंगार गौरी केस में वादिनी लक्ष्मी देवी व अन्य की ओर से यह प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया है.

Updated on: 01 Dec 2022, 06:39 PM

highlights

  • मुकदमें को लेकर 5 दिसंबर को होगी सुनवाई 
  • एक ही पक्ष के लोगों में मतभेद होने से कमजोर हो सकता है मुकदमा

वाराणसी :

Gyanvapi Case:  ज्ञानवापी से जुड़ा मामला एक बार फिर से तूल पकड़ता दिख रहा है. हिन्दू पक्षों में फूट पड़ने के बाद मुकदमा कमजोर होता दिख रहा है. मामलों को एक साथ करने वाली एप्लीकेशन पर अब 5 दिसंबर को सुनवाई नियत की गई है. आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले को लेकर कोर्ट ने हाल ही में मामला सुरक्षित रख दिया था. जिसमें अग्रिम सुनवाई में ही कोई फैसला आएगा. फिलहाल हिन्दू पक्षों में आपस में खींचतान चल रही है. अब सभी को 5 दिसंबर का इंतजार है. 

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 ज्ञानवापी परिसर का कब्जा भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग वाले मुकदमे को लेकर विवाद गहरा गया है. यही नहीं मुकदमें को  सिविल जज की कोर्ट डिस्ट्रिक्ट न्यायधीस की कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग भी मुखर होने लगी है.  संबंधित मामले में आदि विश्वेश्वर की तरफ से किरन सिंह के अधिवक्ता ने "आपत्ति दाखिल करने के लिए आवेदन की प्रति नहीं मिलने की बात कही", तब महिला आवेदकों की तरफ से अधिवक्ता ने एक साथ सुनवाई किए जाने संबंधी आवेदन की प्रति उपलब्ध कराई. पूरे मामले को सुनने के बाद ही कोर्ट ने अग्रिम डेट मामले को लेकर लगाई है.

दूसरी तरफ विश्व वैदिक सनातन संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कहते हैं कि मुकदमे को खारिज करने की साजिश है केस को ट्रांसफर करवाने की मांग को लेकर तो दूसरी तरफ ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में चार वादियों ने कहा हम चाहते है एक ही तरह का मुकदमा एक कोर्ट में चले पर इसके बदले में हमे ही बदनाम किया जा रहा है. वहीं  हिंदू पक्ष का एक मत न होना,  ज्ञानवापी केस कमजोर हो सकता है क्योंकि दोनो ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.