अपराधी विकास दुबे को था गाड़ियों का शौक, भाई के घर मिली सरकारी एम्बेसडर कार

शनिवार को पुलिस को विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के मकान में सरकारी एम्बेसडर कार मिली है. कार का रजिस्ट्रेशन नम्बर सरकारी है. कार विशेष सचिव राज्य संपत्ति विभाग के नाम पर पंजीकृत है.

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Ravindra Singh
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Vikas Dubey

विकास दुबे( Photo Credit : फाइल)

उत्तर प्रदेश के कानपुर चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गुरुवार रात प्रदेश के आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार दुर्दात अपराधी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है. पुलिस टीमें लगातार उसे पकड़ने के लिए छापेमारी अभियान चला रही है. वह सरकारी गाड़ियों का काफी शौकीन था. उसके भाई के घर सरकारी एम्बेसडर कार मिली है. लखनऊ में शनिवार को पुलिस को विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के मकान में सरकारी एम्बेसडर कार मिली है. कार का रजिस्ट्रेशन नम्बर सरकारी है. कार विशेष सचिव राज्य संपत्ति विभाग के नाम पर पंजीकृत है.

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लखनऊ में उसके मकान पर छापा मारने के बाद पुलिस की एक टीम ने उसके भाई के लखनऊ के मकान पर शनिवार को फिर छापा मारा. जहां पर पुलिस को एक सरकारी एम्बेसडर कार (यूपी 32-बीजी-0156) मिली है. यह कार सरकारी है और विशेष सचिव राज्य संपत्ति के नाम पंजीकृत है. पुलिस ने दीप प्रकाश के घर मिली इस सरकारी नम्बर की कार को कब्जे में ले लिया है. कार नीलामी में खरीदी गई थी जो अभी तक ट्रांसफर नहीं कराई गई थी.

बिना रजिस्ट्रेशन की थी दोनों गाड़ियां
पुलिस ने जब जांच की तब पता चला कि दोनों गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. विकास दुबे खुद इन बिना रजिस्ट्रेशन की गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहा था. इस गाड़ी को खरीदे हुए 1 महीने से ज्यादा हो चुका है, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया. आम तौर पर किसी भी गाड़ी को खरीदने के एक महीने बाद ही उसका रजिस्ट्रेशन होना होता है. एसीपी कृष्णा नगर दीपक सिंह ने बताया कि यह गाड़ी अभी भी उसके भाई के घर पर खड़ी है.

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सरकारी नंबर की इस गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में लिया
यह गाड़ी कैसे आईं, यह गाड़ी किसकी है, इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. सरकारी नम्बर की गाड़ी है. इसकी जानकारी की जा रही है. इस गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. गाड़ी की डिटेल मांगी जा रही और विकास के भाई की तलाश पुलिस टीम कर रही है. उससे पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा यह गाड़ी यहां कैसे आई और किसने खड़ी की हैं. आसपास के लोगों ने बताया कि विकास दुबे जब भी लखनऊ आता था, उसी कार से चलता था. सरकारी सीरीज का नंबर होने के चलते लोग उससे प्रभावित हो जाते थे. विकास के घर पर न होने पर इस कार को दीप प्रकाश इस्तेमाल करता था.

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पुलिस की छानबीन जारी है
विकास के भाई दीप प्रकाश के घर पर खड़ी सरकारी नम्बर की एम्बेसडर की डिग्गी खोलकर पुलिस ने छानबीन की. पुलिस को आज भी विकास दुबे, उसकी पत्नी तथा बच्चों का पता नहीं चला है. पुलिस ने विकास के छोटे भाई दीप प्रकाश की पत्नी अंजली को हिरासत में लिया था. आज उनको घर पर छोड़ दिया. विकास और दीप प्रकाश के घर पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा लगाई गई है. पुलिस अंजली और विकास की मां सरला से जानकारी जुटा रही है. गौरतलब है कि विकास दुबे ने कानपुर के चौबेपुर स्थित बिकरू गांव स्थित घर के अलावा कई साल पहले लखनऊ के कृष्णानगर स्थित इंद्रलोक कलोनी में मकान बनवाया था. वह इसी मकान में परिवार के साथ रह रहा था.

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