नोएडा में नियम की अनदेखी कर कोरोना सैम्पलिंग, दिल्ली की लैब का कर्मी गिरफ्तार
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सुनील कुमार दोहरे ने बताया कि सोमवार की दोपहर में स्वास्थ्य विभाग की कोविड-19 टीम निरीक्षण पर थी.
नोएडा:
उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया, जिसमें उन्होंने एक सनसनीखेज मामले के बारे में जानकारी दी. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सुनील कुमार दोहरे ने बताया कि सोमवार की दोपहर में स्वास्थ्य विभाग की कोविड-19 टीम निरीक्षण पर थी. इस दौरान टीम ने देखा कि एक व्यक्ति नोएडा सेक्टर-30 स्थित एनएमसी अस्पताल के बाहर मरीजों से उनका नसोफैरिंजियल नमूना ले रहा था और जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि वह व्यक्ति दिल्ली की एक लैब प्रोगनेसिस के लिए सैंपल इकट्ठा करके जांच के लिए सौंपता था.
यह भी पढ़ेंः भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे चीन के लड़ाकू विमान, एयरफोर्स अलर्ट
नोएडा जोन-1 के डीसीपी संकल्प शर्मा ने बताया कि उस आरोपी के खिलाफ महामारी अधिनियम और धारा 269, 270, 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सीएमओ डॉ. ओहरी ने कहा कि हमने दिल्ली की प्रोगनेसिस लैब और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है, अब पुलिस जांच करेगी, क्योंकि ये जांच का विषय है.
डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर के मुताबिक, वह कोरोना संक्रमितों की जांच के लिए सैंपल इकट्ठे कर रहा था. वह दोपहिया वाहन पर यात्रा कर रहा था और उसी बाइक पर उसने सैंपल कलेक्शन इक्विपमेंट लगा रखे थे, वह बायोमेडिकल कचरा फैला रहा था और इसके प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं कर रहा था. वह कोरोना संक्रमित के नमूने लेने के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा था. उसके खिलाफ नोएडा के सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. सेक्टर-20 के एसएचओ राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी दिल्ली के उत्तम नगर का रहने वाला है और लैब दिल्ली के द्वारका के रहने वाले एक डॉक्टर की है.
यह भी पढ़ेंः आज ही के दिन किया गया था क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का राजतिलक, जानें आज का इतिहास
सीएमओ का कहना है कि यह लैब आईसीएमआर के अंतर्गत नहीं है. आरोपी बिना किट पहने सैंपलिंग कर रहा था. जांच की जा रही है कि लैब कर्मी के पास लाइसेंस है या नहीं, उसके बाद अगली कार्रवाई होगी. डॉ. दोहरे ने बताया कि सरकार ने 8 अप्रैल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोरोना संक्रमण की जांच के लिए नमूने लेने की एक सुरक्षित प्रक्रिया है और जिन प्रयोगशालाओं को (आईसीएमआर) इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में मान्यता मिली है, केवल वही प्रयोगशाला कोरोना वायरस का टेस्ट कर सकती हैं. इसके लिए उन प्रयोगशालाओं को संबंधित शहर में अपना कलेक्शन सेंटर स्थापित करना होता है. इन प्रयोगशालाओं को बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 1998 के दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होता है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. जिला सर्विलांस अधिकारी ने कहा कि कोई भी अस्पताल या हेल्थ एस्टेब्लिशमेंट अगर इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य