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राम मंदिर भूमि पूजन में कोरोना निगेटिव वाले ही होंगे शामिल, आमंत्रण मिलने वालों को कराना होगा कोविड-19 टेस्ट

राम मंदिर भूमि पूजन 5 अगस्त को है. इस कार्यक्रम में वही लोग शामिल हो सकते हैं जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी. जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी, वही अयोध्या जाएंगे.

Updated on: 03 Aug 2020, 11:44 AM

लखनऊ:

राम मंदिर भूमि पूजन 5 अगस्त को है. इस कार्यक्रम में वही लोग शामिल हो सकते हैं जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी. जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी, वही अयोध्या जाएंगे. आमंत्रण मिलने वालों को कोविड 19 टेस्ट करना होगा. रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही कार्यक्रम में शामिल होंगे. डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी कल कोविड का टेस्ट कराया है. रिपोर्ट निगेटिव आई है. भूमि पूजन के लिए सभी को आमंत्रित किया जा रहा है. पीएम मोदी 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे. साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हो रहे हैं. मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गज इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. अयोध्या नगरी पूरी तरह से सज गई है. चारों तरफ रोशनी से राम नगरी सराबोर हो गई है. वहीं जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी, वही कार्यक्रम में शामिल होंगे. कोरोना को लेकर पूरी तरह से एहतियात बरती जा रही है.

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गलत जानकारी देने पर होगी कार्रवाई

वहीं दूसरी तरफ कोरोना को लेकर लखनऊ से बड़ी खबर आई है. सैकड़ों कोरोना संक्रमित मरीज गायब हो गए. सरकारी रिकॉर्ड में गलत नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज कराया और गायब हो गए. महकमा में हड़कंप मचने के बाद इसकी सूची पुलिस की सर्विलांस टीम को सौंपी गई. पुलिस ने कड़ी मशक्कत से 1171 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ढूंढ़ निकाला. वहीं, अभी भी 1119 मरीजों गायब हैं. जिसकी तलाश जारी है. 23 से 31 जुलाई के बीच इन मरीजों की जांच हुई थी. जांच कराने के बाद सभी गायब हो गए. जब प्रशासन ने इनके नाम और पते को खंगाला तो वे फर्जी पाए गए. जिसके बाद इसकी सूची पुलिस को सौंपी गई. अब सर्विलांस टीम इन मरीजों को तलाशने में जुटी है.

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पुलिस कमिश्नर ने इन मरीजों की तलाश के लिए कोविड-19 सर्विलांस टीम को जिम्‍मेदारी सौंपी

जो मरीज मिले हैं, उसको अस्पताल में एडमिट कराया गया है. पुलिस कमिश्नर ने इन मरीजों की तलाश के लिए कोविड-19 सर्विलांस टीम को जिम्‍मेदारी सौंपी है. वहीं प्रशासन ने साफ किया है कि जो मरीज गलत जानकारी दी है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के मुताबिक कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए हजारों की संख्या में जांच की गई. तमाम जगह कैंप लगाकर लोगों की जांच हुई. इस दौरान लोगों ने फॉर्म पर गलत, नाम, पता और मोबाइल नंबर भरा. जांच रिपोर्ट आने के बाद जब इनकी तलाश शुरू हुई तो नाम और पते गलत पाए गए.