logo-image

उपद्रवियों को CM योगी की सख्त चेतावनी, अराजकता स्वीकार नहीं, नया उत्तर प्रदेश...

पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है.

Updated on: 19 Aug 2020, 09:47 AM

लखनऊ:

पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की राजधानी लखनऊ में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दंगाइयों से इस संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए एक अध्यादेश लागू किया है. इसके तहत दावा अधिकरण के गठन का भी प्रावधान किया गया है. योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधान के मुताबिक लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है.

यह भी पढ़ें: कैबिनेट बैठक आज, आम आदमी से जुड़े इन फैसलों पर लग सकती है मुहर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है. नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा. योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है. सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी. सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश.'

यह भी पढ़ें: सुशांत केस: रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

मुख्यमंत्री योगी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'दण्डः शास्ति प्रजाः सर्वा दण्ड एवाभिरक्षति, दण्डः सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्म विदुर्बुधाः।। 'उ.प्र.लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020' के अनुसार लखनऊ व मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा. नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा.'

यह भी पढ़ें: जल्द होगा मंत्रिमंडल में फेरबदल, इन लोगों को बनाया जा सकता है मंत्री

मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद जल्द लखनऊ और मेरठ में दावा अधिकरण का गठन किया जाएगा. लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विंध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं मंजूर की जाएंगी. वहीं, मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के कार्य क्षेत्र में सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाओं पर विचार किया जाएगा.