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सीएम योगी की बड़ी घोषणा, कोविड से उबरे लोगों को मिलेगा मुफ्त इलाज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा है कि जो कोविड मरीज निगेटिव हो गए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें देखभाल की जरूरत है, तो उन्हें वही चिकित्सा सुविधा दी जाएगी, जो कोविड रोगियों को दी जा रही है.

Updated on: 16 May 2021, 08:51 PM

highlights

  • कोविड निगेटिव मरीजों को विशेष देखभाल की जरूरत- मुख्यमंत्री
  • कोविड निगेटिव मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज

नई दिल्ली:

यूपी में लॉकडाउन (Lockdown UP) का असर देखा जा रहा है. कोरोना संक्रमण के मामलों में यहां लगातार कमी देखी जा रही है. वहीं कोविड (COVID-19) से रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हो रही है. लॉकडाउन के प्रभाव को देखते हुए योगी सरकार (Yogi Government) ने कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) को एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया है. अब पूरे प्रदेश में 24 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बड़ी घोषणा की है कि राज्य में ऐसे मरीजों का इलाज मुफ्त किया जाएगा.

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सरकार के इस आदेश का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो कोविड के संक्रमण से उबर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कुछ परेशानियां हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो कोविड मरीज निगेटिव हो गए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें देखभाल की जरूरत है, तो उन्हें वही चिकित्सा सुविधा दी जाएगी, जो कोविड रोगियों को दी जा रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यभर में कई मरीज जो कोविड से उबर चुके हैं, उन्हें अभी भी समय-समय पर निगरानी और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है. कोविड के बाद की देखभाल और उपचार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि संक्रमण के दौरान. उनकी चिकित्सा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने पर स्थिति और आवश्यक देखभाल की तीव्रता के आधार पर ऐसे रोगियों को एल-1 अस्पताल में आवश्यक ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ एक बिस्तर सौंपा जाना चाहिए, जहां कोविड रोगियों की चिकित्सा देखभाल की जाती है.

वहीं पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को राज्य के 75 जिलों में से प्रत्येक में एक पोस्ट-कोविड सुविधा शुरू करने और संचालित करने का निर्देश दिया था. ये अस्पताल उन रोगियों के लिए चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा और फिजियोथेरेपी की पेशकश करेंगे, जो कोविड के बाद की जटिलताओं से पीड़ित हैं. 

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उन्होंने कहा था कि ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कोविड से उबरने वालों में से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से रहे होते हैं. ऐसी पोस्ट-कोविड समस्याओं से निपटने के लिए, सभी 75 जिलों में कोविड के बाद के अस्पताल होने चाहिए, जहां लोग इलाज करवा सकें. इन केंद्रों पर मनोवैज्ञानिकों और फिजियोथेरेपिस्ट की भी तैनाती करें.

प्रदेश में फिलहाल सक्रिय कोविड मामलों की संख्या कम हो गई है. 30 अप्रैल को आंकड़ा अपने चरम पर था. मामले जो 1,33,141 से 3,10,784 तक पहुंच गए थे, अब घटकर 1,77,643 आ चुके हैं. अब प्रदेश में रिकवरी रेट भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है. अब तक 14,14,259 से अधिक लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जीत ली है. राज्य का रिकवरी रेट अब 88 फीसदी हो गया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश 4,44,27,447 कोविड जांच करने वाला देश का पहला राज्य है. सीएम योगी ने प्रयोगशालाओं की जांच क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में और तेजी लाने का आदेश दिया है.