UP News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड छांगुर उर्फ झांगुर एक बार फिर सुर्खियों में है. एटीएस को छांगुर की करीबी नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से एक लाल रंग की डायरी हाथ लगी है, जिसने इस पूरे सिंडिकेट की परतें खोल दी हैं. डायरी में ऐसे-ऐसे नाम और राज दर्ज हैं, जिन्हें देखकर जांच अधिकारियों के भी होश उड़ गए.
डायरी में धर्मांतरण का लेखाजोखा मौजूद
इस डायरी में धर्मांतरण के नेटवर्क का पूरा लेखाजोखा मौजूद है. इसमें दर्ज हैं कई राजनेताओं, प्रशासनिक अफसरों और यहां तक कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के नाम, जिनसे छांगुर के घनिष्ठ संबंध बताए जा रहे हैं. डायरी के अनुसार, छांगुर ने 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरौला से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी को 90 लाख रुपये की मदद दी थी. हालांकि, वह प्रत्याशी चुनाव हार गया और 2024 में उसका निधन हो गया.
हर चुनाव के दौरान होता था सक्रिय
खुलासे के मुताबिक, छांगुर का नेटवर्क बलरामपुर जिले के हर विधानसभा क्षेत्र तक फैला हुआ था. वह हर चुनाव के दौरान सक्रिय हो जाता था और अपने एजेंटों के माध्यम से चुने गए प्रत्याशियों को समर्थन दिलवाता था. पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक, छांगुर की भूमिका लगातार बनी रही.
दो महीने तक एटीएस को देते रहे चकमा
नीतू की डायरी में यह भी दर्ज है कि एक प्रभावशाली पूर्व आईपीएस अधिकारी न सिर्फ छांगुर की पुलिस से रक्षा करता था, बल्कि उसे वकील तक उपलब्ध कराता था. सूत्रों के अनुसार, इसी अधिकारी की मदद से छांगुर और नसरीन दो महीने तक एटीएस को चकमा देने में सफल रहे.
सबसे अधिक पुलिस विभाग से मिला सहयोग
बताया जा रहा है कि छांगुर को सबसे अधिक सहयोग पुलिस विभाग से मिला. उसकी पहुंच कुछ अफसरों के बंगलों तक थी, और यही वजह रही कि वह कई बार जांच से बच निकलने में सफल रहा.अब एटीएस इस डायरी में दर्ज नामों की गहराई से जांच कर रही है.
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