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मायावती का सपा पर हमला, जून 1995 वाला केस नहीं लेना चाहिए था वापस

मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सपा का व्यवहार देखा तो महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के केस को वापस लेकर एक बड़ी गलती की है और हमें उनसे हाथ नहीं मिलाना चाहिए था. इस मामले पर हमें थोड़ी गहराई से विचार करना चाहिए था.

Updated on: 29 Oct 2020, 12:03 PM

लखनऊ:

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा से हाथ मिलाया था, लेकिन उनके परिवारिक अंतरकलह की वजह से बसपा के साथ गठबंधन कर भी वो ज्यादा लाभ नहीं उठा पाए. चुनाव के बाद उन्होंने हमसे संपर्क बंद कर दिया और इसीलिए हमने अपने रास्ता बदल लिया है. साथ ही मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना सबसे बड़ी गलती थी.

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उन्होंने ने कहा कि मैं इस बात का भी खुलासा करना चाहती हूं कि जब हमने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया तो हमने इसके लिए बहुत मेहनत की, लेकिन जब से यह गठबंधन हुआ था तब से सपा प्रमुख के इरादा दिखने लगा  था. मायावती ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह एसपी मिश्रा से लगातार यह कहते रहे कि अब बसपा-सपा ने हाथ मिला लिया है, इसलिए अब मायावती को जून 1995 वाला केस वापस ले लेना चाहिए.

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मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी का व्यवहार देखा तो महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के केस को वापस लेकर एक बड़ी गलती की है और हमें उनसे हाथ नहीं मिलाना चाहिए था. इस मामले पर हमें थोड़ी गहराई से विचार करना चाहिए था.