मायावती ने बोला हमला- RSS के एजेंडे पर चल रही BJP सरकारें, कथनी और करनी में बहुत फर्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस मसले पर बयान दिया.
highlights
- मायावती बोलीं- RSS के बिना भाजपा का अस्तित्व नहीं
- उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी साधा निशाना
लखनऊ:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस मसले पर टिप्पणी की. मायावती ने कहा कि मोहन भागवत का बयान 'मुंह में राम, बगल में छुरी' जैसा है. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जहां भी चल रही हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चल रही हैं. मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार की सोच संकीर्ण है. उन्होंने कहा कि आरएसएस के बिना भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं है.
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस पर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत द्वारा दिए गया बयान किसी के भी गले से नीचे नहीं उतरने वाली है. RSS, बीजेपी एंड कंपनी की कथनी-करनी में काफी अंतर है. मायावती ने कहा कि भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है. सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है.
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मायावती ने कहा कि मोहन भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है. सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है.
‘मुंह में राम, बगल में छुरी’
प्रेस कांफ्रेंस ने मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज अफरा-तफरी का माहौल है, बसपा हमेशा ही आरएसएस की नीतियों का विरोध करती रही है. आरएसएस के बिना बीजेपी का अस्तित्व बिल्कुल भी नहीं है, वह अपनी बातों को भाजपा की सरकारों से ही क्यों लागू नहीं करवा पा रही है. आरएसएस की कथनी-करनी में ज़मीन आसमान का अंतर है. ये जो कहते हैं वो उसका उल्टा ही करते हैं. मोहन भागवत का दिया गया ताज़ा बयान लोगों को अविश्वसनीय लगता है, ये बयान मुंह में राम, बगल में छुरी वाला लगता है.
मायावती ने कहा कि जो लोग जबरन धर्म बदलवाते हैं, ऐसे मामलों में सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. लेकिन जानबूझकर इसे हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और मुस्लिम समाज को शक की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए.
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