UP में BJP का डबल धमाका, अब विधान परिषद में बढ़ेंगी 4 सीटें
5 जुलाई को विधान परिषद के 4 विधायकों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. यह चारों विधायक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के हैं.
highlights
- 5 जुलाई को विधान परिषद के 4 विधायकों का कार्यकाल खत्म हो रहा
- मनोनयन से होना है विधायकों का चयन, ऐसे में बीजेपी की संख्या बढ़ेगी
- चार विधायकों के सहारे बीजेपी विधान परिषद में बहुमत के करीब होगी
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत का परचम फहरा भविष्य के संकेत दे दिए हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बंपर जीत की खुमारी के बीच उसे एक और बड़ी सफलता हाथ मिलने वाली है. रणनीतिक विजय के बतौर बीजेपी के बिना चुनाव लड़े ही चार विधायक विधान परिषद में पहुंचने वाले हैं. हालांकि विधान परिषद में बीजेपी को बहुमत नहीं है, लेकिन इन चार विधायकों के सहारे वह बहुमत के करीब आ जाएगी. असल में 5 जुलाई को विधान परिषद के 4 विधायकों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. यह चारों विधायक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के हैं. इनकी जगह अब भाजपा के द्वारा चुना गया व्यक्ति विधान परिषद में विधायक बनेगा.
4 सीटों पर होना है मनोनयन
गौरतलब यह है कि इन चारों सीटों पर चयन के लिए कोई चुनाव नहीं होगा. ये चारों सीटें मनोनीत क्षेत्र की हैं. यानी योगी सरकार जिन चार व्यक्तियों को मनोनीत करके राज्यपाल के पास भेजेगी वही सदन पहुंचेगा. 5 जुलाई के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 100 सदस्यों वाली यूपी की विधान परिषद में 10 सदस्यों को मनोनीत करके भेजा जाता है. सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल इन्हें मनोनीत करते हैं. वैसे तो मनोनीत क्षेत्र के सभी सदस्यों को साहित्य, कला, सहकारिता, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र से चुना जाना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ सालों में राजनीतिक लोगों को ही मनोनीत किए जाने का चलन शुरू हो गया है. यूपी विधान परिषद में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के 32 विधायक हैं. 5 जुलाई के बाद यह आंकड़ा बदल जाएगा. 4 सदस्यों के साथ उसकी संख्या 36 हो जाएगी. हालांकि ये संख्या भी उच्च सदन में बहुमत से कम ही है.
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विधानसभा में 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा
अखिलेश सरकार ने साल 2015 में लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव, एसआरएस यादव और जितेंद्र यादव को परिषद का सदस्य बनाया था. साल 2020 में कोरोना वायरस आर एस यादव का निधन हो गया था. दरअसल, उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली हैं. भाजपा को राज्य की 75 में से 65 सीटों पर जीत मिली है. दो सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीते हैं. वहीं, सपा को 5 सीटें मिली हैं. एक पर उसकी सहयोगी पार्टी रालोद ने कब्जा किया है, जबकि प्रतापगढ़ सीट पर राजा भइया की पार्टी विजयी रही है. 2016 में सपा ने 63 सीटों पर जीत हासिल की थी. जीत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी 2022 का चुनाव बड़े अंतर से जीतेगी. हम 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे.
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