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यूपी चुनाव में पिछली बार हारी सीटें जीतने की रणनीति बनाई बीजेपी ने

मुख्यमंत्री सहित पार्टी नेतृत्व ने उन सीटों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है जो पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में हार गई थी.

Updated on: 17 Sep 2021, 02:03 PM

highlights

  • पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी हारी थी 80 सीटों पर
  • इस बार इन्हीं सीटों पर ज्यादा फोकस कर रहा नेतृत्व
  • योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह ने संभाली कमान

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश भाजपा उन सीटों पर अतिरिक्त प्रयास कर रही है, जहां 2017 के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में पार्टी हार गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने आगे बढ़कर मतदाताओं तक पहुंचने के लिए इन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित पार्टी नेतृत्व ने उन सीटों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है जो पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में हार गई थी. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी लगभग 80 सीटें हार गई थी. ऐसे में पार्टी नेतृत्व अब अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में इन सीटों को जीतने के लिए काम कर रही है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष सिंह भविष्य में इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे.

सरकार के कामों का करेंगे बखान
अपनी यात्रा के दौरान आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह लोगों से बातचीत करेंगे और उन्हें केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के कार्यों के बारे में बताएंगे. उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने उन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है, जहां वे पिछले चुनावों में हार गए थे. श्रीवास्तव ने कहा, 'मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष सिंह केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई विकास और कल्याणकारी पहलों के बारे में लोगों को समझाने के लिए सार्वजनिक रैलियां या बैठकें करेंगे. इस तरह का पहला कार्यक्रम कुशीनगर में आयोजित किया गया.'

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मामूली अंतर से हारी सीटों पर भी फोकस
पार्टी को लगता है कि इन सीटों में से कई मामूली अंतर से हार गईं और थोड़े अतिरिक्त प्रयासों से इस बार जीती जा सकती है. पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, 'आदित्यनाथ और सिंह के इन विधानसभा क्षेत्रों के दौरे के बाद पार्टी कार्यकर्ता नियमित अंतराल पर मतदाताओं से संपर्क करेंगे.' भाजपा की राज्य इकाई के नेताओं का दावा है कि इन सीटों को जीतने से न केवल विधानसभा में पार्टी की संख्या बढ़ती है, बल्कि मौजूदा सीटों के संभावित नुकसान को भी संतुलित किया जाता है. पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और इन सीटों को जीतकर हम अगले विधानसभा चुनावों में अपनी संख्या बढ़ाएंगे. इन निर्वाचन क्षेत्रों में विकास को देखकर लोगों ने महसूस किया है कि भाजपा का विधायक रहने से विकास की गति तेज होगी.'