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यूपी चुनाव से पहले बीजेपी नेतृत्व ने CM योगी पर जताया भरोसा

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में कोरोना की घातक दूसरी लहर को प्रभावी ढंग से काबू में किया. पांच सप्ताह के भीतर दैनिक मामलों की संख्या में 93 प्रतिशत की कमी आई है. 

Updated on: 02 Jun 2021, 03:58 PM

highlights

  • यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने लिया फीडबैक
  • सीएम योगी के कामकाज से केंद्रीय नेतृत्व खुश
  • बीएल संतोष ने सीएम योगी की तारीफ की

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) होने हैं. चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएम योगी का फीडबैक लिया. BJP की समीक्षा करने आए पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राज्य सरकार (UP Government) के कार्यों की प्रशंसा की है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष (BL Santosh) ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने राज्य में कोरोना की घातक दूसरी लहर (Corona Second Wave) को प्रभावी ढंग से काबू में किया. 5 सप्ताह के भीतर दैनिक मामलों की संख्या में 93 प्रतिशत की कमी आई है. 

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लखनऊ से दिल्ली लौटे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा कि "5 हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने नए दैनिक मामलों की संख्या में 93% की कमी की... याद रखें कि यह 20+ करोड़ आबादी वाला राज्य है. जब नगर पालिका के सीएम 1.5 करोड़ आबादी वाले शहर का प्रबंधन नहीं कर सके, तो योगीजी ने काफी प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है."

भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राज्य सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल पर रोक लगाते हुए योगी आदित्यनाथ के पीछे अपना समर्थन बढ़ाया है. यह जानते हुए कि उत्तर प्रदेश में बंटा हुआ घर बीजेपी को महंगा पड़ सकता है, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने नेताओं को आश्वासन दिया है कि उनकी बात सुनी जाएगी. हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी की छवि की कीमत पर कोई असहमति नहीं हो सकती है.

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यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीएल संतोष ने मंगलवार को बंद कमरे में सरकार के मंत्रियों को अलग-अलग बुलाकर जमीनी हकीकत जानी. सूत्रों के अनुसार मंत्रियों ने अपनी तो खूब तारीफ की, लेकिन कामकाज में लापरवाही का ठीकरा अफसरों पर फोड़ दिया. मंत्रियों से कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर सवाल हुए तो एक ने साफ कहा कि सरकार के अफसर जब उनकी ही नहीं सुनते तो कार्यकर्ताओं के काम कहां करेंगे?