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कौन हैं आरती तिवारी, 21 साल की उम्र में BJP ने दिया इतना बड़ा पद

बलरामपुर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य आरती तिवारी (Aarti Tiwari) ने जीत हासिल की है. हालांकि उनकी जीत की घोषणा 29 जुलाई को औपचारिक रूप से किया जाएगा.

Updated on: 27 Jun 2021, 10:40 AM

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नई दिल्ली:

यूपी में आज से सभी 75 जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव (Zila Panchayat Adhyaksh Election) के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे. बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 60 से अधिक पदों पर जीतने की योजना बनाई है. पार्टी ने शुक्रवार देर रात 22 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का ऐलान किया है. बलरामपुर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य आरती तिवारी (Aarti Tiwari) ने जीत हासिल की है. आरती ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 8500 मतों से हराया है. हालांकि उनकी जीत की घोषणा 29 जुलाई को नाम वापसी की समय सीमा के बाद औपचारिक रूप से की जाएगी.

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बीजेपी ने वार्ड नंबर-17 चौधरीडीह से अपनी सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य 21 वर्षीय आरती तिवारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने पहले आरती के चाचा श्याम मनोहर को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन चुनाव से ठीक पहले उलटफेर करते हुए आरती के चाचा श्याम मनोहर ने अपनी भतीजी आरती को मैदान में उतार दिया. जिसके बाद भारी जन समर्थन से आरती को जीत हासिल हुई. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 8500 मतों से हराया था. 

हालांकि उनकी जीत की घोषणा 29 जुलाई को नाम वापसी की समय सीमा के बाद औपचारिक रूप से की जाएगी. जीत की घोषणा होने पर आरती तिवारी प्रदेश की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड बनाएंगी. बता दें कि इस सीट पर सपा की प्रत्याशी किरण यादव तय समय में नामांकन नहीं कर सकीं ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी का जीतना तय हो गया. वहीं नामांकन के लिए जाते समय सपा प्रत्याशी किरण यादव के समर्थकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चेकिंग के नाम पर किरण की गाड़ी 2 घंटे तक रोक ली जिससे कि वह कलेक्ट्रेट ऑफिस नहीं पहुंच सकीं.

कौन हैं आरती तिवारी ?

आरती तिवारी की उम्र महज 21 साल है और वह एमएलके पीजी कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा हैं. वैसे तो आरती की राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं है, लेकिन परिवार की राजनीतिक विरासत को देखते-देखते वह बड़ी हुई हैं. इसलिए राजनीति के बारे में जानती हैं. आरती ने अपने चाचा श्याम मनोहर तिवारी की प्रेरणा से ही राजनीति की राह चुनी है.

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आरती के चाचा श्याम मनोहर तिवारी बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता माने जाते हैं. पार्टी ने पहले उन्हें ही टिकट दिया था लेकिन श्याम मोहन तिवारी ने जब देखा कि सपा से किरण यादव को टिकट दी गई है, तो उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए अपनी भतीजी को मैदान में उतार दिया. ऐसे में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए उनके नाम का चयन होना उनके लिए बड़ी उपलब्धि है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनने के लिए बीजेपी में भी कई  दिग्गजों को बीच घमासान मचा हुआ था. इस टिकट के लिए पार्टी के ही चार सीनियर सदस्यों ने आवेदन दिया था. जिसमें रेनू सिंह, निर्मला यादव, तारा दयाल यादव व आरती सिंह शामिल थीं. लेकिन बीजेपी ने सभी को पीछे छोड़ते हुए  23 जून की देर शाम युवा चेहरे आरती को अपना प्रत्याशी बनाया गया था.