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BJP ने फिर खेला OBC कार्ड, अब भूपेन्द्र के नेतृत्व में 2024 फतह करेगी भाजपा

Mukhyamantri Tirth Yatra: अगर आप दिल्ली प्रदेश (Delhi region)से हैं और तीर्थ यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है.

Updated on: 25 Aug 2022, 03:18 PM

highlights

  • पिछले एक माह से चल रहा था बीजेपी अध्यक्ष को लेकर मंथन 
  • ब्राह्मण चेहरे को अध्य़क्ष बनाने की चर्चा पिछले एक साल से चल रही थी 
  • बुधवार को अचानक आजमगढ़ से दिल्ली बुलाए गए थे भूपेंद्र चौधरी 

नई दिल्ली :

स्वतंत्र देव सिंह के स्तीफा देने के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी बिना मुखिया के ही चल रही थी. अध्यक्ष को लेकर पिछले 15 दिनों से मंथन चल रहा था. लेकिन अचानक आजमगढ़ पार्टी की मीटिंग में ही गृह मंत्री अमित शाह के एक फोन ने साफ कर दिया था कि यूपी पार्टी अध्यक्ष तय हो चुका है. आपको बता दें कि पंचायत राज मंत्री भूपेन्द्र  सिंह आजमगढ़ दौरे पर थे. इसी बीच उन्हे अचानक दिल्ली आने का फरमान सुनाया गया. भूपेन्द्र सिंह तत्काल पार्टी मीटिंग को बीच मे ही छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए थे. उसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल  हो गया था कि चौधरी को बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन सभी लोग अंतिम निर्णय पार्टी का ही बता रहे थे. आखिर वो समय आया जब भूपेन्द्र सिंह  के नाम का ओपचारिक ऐलान भी कर दिया गया.

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क्या है पार्टी की रणनीति ?
MLC भूपेंद्र सिंह चौधरी पश्चिम उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में से एक हैं.  वे एक बार मुलायम सिंह के सामने भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हालाकि चुनाव में उन्हे हार का सामना करना पड़ा था. आपको बता दें कि भूपेंद्र के बहाने भाजपा वेस्ट यूपी में खुद को मजबूत करना चाहती है. क्योंकि 2019 के चुनाव में बीजेपी को वेस्ट यूपी की कई सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था.  भूपेंद्र जिस जाट समुदाय से आते हैं, उसका वेस्ट यूपी की 20 सीटों पर प्रभाव है.  2024 का चुनाव को देखते हुए पार्टी ने अपनी कमजोर स्थिति भांपते हुए फिर से ओबीसी को ही पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

ग्राणीण परिवेश से आते हैं भूपेंन्द्र 
भूपेंद्र चौधरी का जन्म मुरादाबाद के महेंद्री सिंकदरपुर गांव में साल 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की है. इसके बाद वह विश्व हिंदू परिषद यानी VHP से जुड़े. इसके बाद 1991 में भारतीय जनता पार्टी जॉइन की. उन्हें 10 जून, 2016 को यूपी विधान परिषद का सदस्य चुना गया था. वह 2012 में भाजपा के पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं. 2017 और 2022 की यूपी सरकार में पंचायतराज मंत्री का दायित्व संभाल रहे थे. साथ ही मुलायम सिंह के सामने एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.