UP Cyber Fraud: विदेश तक पहुंचा बरेली का सिम रैकेट! साइबर ठगों की रीढ़ तोड़ने उतरी पुलिस, 5 FIR दर्ज

UP Cyber Fraud: पुलिस को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से जानकारी मिली थी कि बरेली से खरीदे गए कुछ मोबाइल नंबर देश के अलग-अलग राज्यों में हुई साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए हैं.

UP Cyber Fraud: पुलिस को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से जानकारी मिली थी कि बरेली से खरीदे गए कुछ मोबाइल नंबर देश के अलग-अलग राज्यों में हुई साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए हैं.

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Yashodhan Sharma
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सांकेतिक तस्वीर

Bareilly Cyber Fraud: साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए बरेली पुलिस ने अब सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस का साफ कहना है कि साइबर ठगी की तीन सबसे अहम जरूरतें होती हैं जैसे कि डाटा, बैंक खाते और मोबाइल सिम. अगर ये तीनों ठगों तक न पहुंचें, तो साइबर अपराध अपने आप रुक जाएगा. इसी रणनीति के तहत बरेली पुलिस ने फर्जी सिम बेचने वालों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है.

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5 अलग-अलग FIR दर्ज

शुक्रवार को बरेली पुलिस ने पांच अलग-अलग थानों में पांच सिम विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इन सिम कार्डों का इस्तेमाल दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, म्यांमार और लाओस में बैठकर साइबर ठगी के लिए किया जा रहा था. एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

कैसे मिली सूचना

पुलिस को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से जानकारी मिली थी कि बरेली से खरीदे गए कुछ मोबाइल नंबर देश के अलग-अलग राज्यों में हुई साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए हैं. रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित थानों ने जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि सिम विक्रेताओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम जारी किए थे.

ऐसे हुई कार्रवाई

पहली प्राथमिकी प्रेमनगर थाना क्षेत्र के कर्मचारी नगर साईं धाम कॉलोनी निवासी अशोक के खिलाफ दर्ज हुई. दूसरी प्राथमिकी बारादरी थाने में आशीष रायल पार्क निवासी हरवेंद्र सिंह, राज अग्रवाल, अनमोल रत्न, सुभाष चंद्र और कृष्णकांत के खिलाफ लिखी गई. तीसरी प्राथमिकी फरीदपुर के सैदापुर निवासी सचिन कुमार, चौथी भुता थाना क्षेत्र के खजुरिया संपत निवासी हरिशंकर और पांचवीं क्योलड़िया थाना क्षेत्र के रवि व उमेश के खिलाफ दर्ज की गई है.

पुलिस की शुरुआती जांच में साफ हुआ है कि आरोपियों ने जानबूझकर फर्जी कागजात पर सिम जारी किए, जिनका इस्तेमाल साइबर ठगों ने लोगों को ठगने में किया.

कैसे बनाते हैं ठगी का शिकार

साइबर विशेषज्ञ नीरज सिंह के अनुसार, ऐसे सिम दो तरीकों से इस्तेमाल किए जाते हैं. पहला, सिम विदेश भेजकर इंटरनेशनल रोमिंग के जरिए कॉल करना. दूसरा और ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका यह है कि भारत में ही सिम खरीदकर उसका ओटीपी लेकर व्हाट्सएप एक्टिव किया जाए और उसी से ठगी की जाए. भारतीय नंबर होने के कारण लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं.

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