Bahraich Ground Report: हाल ही में नाव हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गांव की स्थिति का संज्ञान लिया. उन्होंने हवाई सर्वे कर अधिकारियों को गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए.
Bahraich Ground Report: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के भरथापुर गांव की कहानी विकास से कोसों दूर एक ऐसी हकीकत बयां करती है, जहां आज भी लोग आदिम युग जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर दूर, नेपाल सीमा के पास जंगलों और गिरवा नदी से घिरा हुआ है. यहां तक पहुंचना बेहद कठिन है. गांव तक आने-जाने का एकमात्र साधन नाव है, और नदी में मगरमच्छों का खतरा हमेशा बना रहता है. गांव के चारों ओर घना जंगल है, जहां हाथियों और बाघों का आतंक आम बात है. ऐसे माहौल में रहना ग्रामीणों के लिए हर दिन जंग लड़ने जैसा है.
ये है मकानों का हाल
भरथापुर में न तो पक्के रास्ते हैं, न पीने के पानी की सुविधा, न बिजली की उचित व्यवस्था. गांव के लोगों को राशन या जरूरत की चीजें लेने के लिए करीब 16 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. हाल ही में नाव हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गांव की स्थिति का संज्ञान लिया. उन्होंने हवाई सर्वे कर अधिकारियों को गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए. प्रशासन ने सर्वे पूरा कर लिया है और शुरुआती चरण में 40 करोड़ रुपये की योजना के तहत गांव को सुरक्षित स्थान पर बसाने की तैयारी चल रही है.
बीमार पड़ने पर इलाज तक संभव नहीं
भरथापुर में करीब 265 परिवार रहते हैं, जिनकी जिंदगी कठिनाइयों में गुजर रही है. यहां के लोग दशकों से सरकार की नजरों से दूर रहे, पर अब उन्हें नए जीवन की उम्मीद जगी है. महिलाओं और बुजुर्गों का कहना है कि वे चाहते हैं कि उन्हें ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए, जहां बच्चों की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की सुविधा मिले. जंगल और नदी के बीच रहने के कारण यहां हर समय खतरा बना रहता है. हालात इतने बद्तर कि बरसात में चूल्हा तक नहीं जलता और बीमार पड़ने पर इलाज तक संभव नहीं.
यह गांव उत्तर प्रदेश का आखिरी गांव माना जाता है, जहां से मात्र 500 मीटर आगे नेपाल की सीमा शुरू होती है. इतने सालों बाद अब जाकर विकास की किरण यहां पहुंचने वाली है. सरकार की इस पहल से भरथापुर के लोगों को एक नई उम्मीद, नई शुरुआत और सुरक्षित जीवन की संभावना मिली है. लंबे संघर्ष के बाद अब शायद भरथापुर का भविष्य उजाले की ओर बढ़ सकेगा.
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